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कन्हैया के आगमन को लेकर जिले में चौकस रही सुरक्षा व्यवस्था, राजेंद्र पुल से लेकर बीहट, जीरोमाइल व बेगूसराय तक लाल झंडों से पटा रहा बेगूसराय(नगर) : बीहट निवासी जेएनयू के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया के आगमन को लेकर चौतरफा लोगों में हलचल देखी गयी. पिछले कई दिनों से विभिन्न छात्र संगठनों व वाम दल […]

कन्हैया के आगमन को लेकर जिले में चौकस रही सुरक्षा व्यवस्था, राजेंद्र पुल से लेकर बीहट, जीरोमाइल व बेगूसराय तक लाल झंडों से पटा रहा

बेगूसराय(नगर) : बीहट निवासी जेएनयू के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया के आगमन को लेकर चौतरफा लोगों में हलचल देखी गयी. पिछले कई दिनों से विभिन्न छात्र संगठनों व वाम दल के कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार तैयारी की गयी थी. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सघन जनसंपर्क और नुक्कड़ सभा के माध्यम से बेगूसराय में आयोजित कन्हैया के कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शरीक होने की अपील लोगों से की गयी थी.
कन्हैया के कार्यक्रम को लेकर जिले की सीमा राजेंद्र पुल से लेकर बेगूसराय कार्यक्रम स्थल बीएसएस कॉॅलेजिएट स्कूल के प्रांगण तक लाल झंडा से पाट दिया गया था. सैकड़ों युवाओं ने बाइक जुलूस के साथ राजेंद्र पुल से कन्हैया की अगुवानी की. इस दौरान युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था.
चप्पे-चप्पे पर तैनात थी पुलिस : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आने के बाद जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया पहली बार अपने घर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हैं. जिला पुलिस प्रशासन द्वारा किसी अनहोनी की घटना को देखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गयी थी. राजेंद्र पुल, बीहट,जीरोमाइल एवं बेगूसराय स्थित कार्यक्रम स्थल बीएसएस कॉलेजिएट स्कूल को पुलिस छावनी में तव्दील कर दिया गया था. बेगूसराय में आयोजित मुख्य कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा की कमान एएसपी कुमार मयंक संभाले हुए थे. आरक्षी अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्र भी कन्हैया के आगमन को लेकर पूरी व्यवस्था का जायजा ले रहे थे.
गिरफ्तारी के बाद हो गयी थी राजनीतिक सरगरमी तेज : जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया की फरवरी 2016 में गिरफ्तारी के बाद बेगूसराय में राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी थी. कन्हैया के गांव बीहट मसनदपुर टोले से लेकर बेगूसराय के कार्यानंद भवन तक केंद्र सरकार के दमनात्मक रवैये के खिलाफ आवाज उठने लगी है. बेगूसराय के एआईएसएफ और एआईवाईएफ सहित अन्य वाम छात्र संगठनों का प्रतिरोध तेज होने लगा और कई दिनों तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलन चलाया गया. कन्हैया का घर जिले के बीहट स्थित मसनदपुर टोला है. यहां लकवाग्रस्त पिता जयशंकर सिंह और आंगनवाड़ी सहायिका मां मीना देवी के साथ बदहाली भरी जिंदगी जी कर कन्हैया ने बीहट से जेएनयू तक का सफर किया. गांव के ही मध्य विद्यालय से पढ़ाई के बाद सनराइज पब्लिक स्कूल और फिर आरकेसी स्कूल बरौनी से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. फिर नालंदा ओपन से बीए और एमए की पढ़ाई करने के बाद जेएनयू में पीएचडी में दाखिला लिया है. विरासत और वाम आंदोलन की उपज कन्हैया के जेएनयू अध्यक्ष बनने पर पूरे गांव में खुशी देखी गयी थी. कन्हैया की गिरफ्तारी के बाद उसके गांव बीहट से लेकर जिले के विभिन्न हिस्सों में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गरम हो गया था.

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