इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए कमरों का निरीक्षण करने पहुंचे टीम को आयुर्वेदिक कॉलेज में करना पड़ा भारी विरोध का सामना
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आयुर्वेदिक कॉलेज को हड़पने की कोशिश बरदाश्त नहीं
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए कमरों का निरीक्षण करने पहुंचे टीम को आयुर्वेदिक कॉलेज में करना पड़ा भारी विरोध का सामना बेगूसराय (नगर) : शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब रामधारी सिंह दिनकर अभियंत्रण महाविद्यालय के छात्रों के लिए अस्थायी रूप से पठन-पाठन के लिए […]
बेगूसराय (नगर) : शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, जब रामधारी सिंह दिनकर अभियंत्रण महाविद्यालय के छात्रों के लिए अस्थायी रूप से पठन-पाठन के लिए कॉलेज के कमरों का निरीक्षण करने पहुंचे टीम को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा.
बताया जाता है कि दरभंगा से इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य एके ठाकुर, दरभंगा कॉलेज के एचओडी पीके सिंह, प्रो सौरभ कुमार, प्रो विजय भूषण सिंह सहित चार सदस्यों की टीम इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई के लिए आयुर्वेदिक कॉलेज के कमरों का निरीक्षण करने पहुंचे. टीम के आने की भनक पूर्व से ही शहर के लोगों को थी.
इसकी जानकारी बेगूसराय के सांसद डॉ भोला सिंह को भी मिला, तो वे टीम के आने से पूर्व ही आयुर्वेदिक कॉलेज पहुंच कर टीम के सदस्यों के आने का इंतजार करने लगे. जैसे ही उक्त टीम कॉलेज के प्रांगण में पहुंची वैसे ही विद्यार्थी परिषद के छात्रों के द्वारा नारेबाजी कर इसका जम कर विरोध किया गया. टीम के सामने विरोध जताते हुए सांसद डॉ भोला सिंह ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के पठन-पाठन के लिए महाविद्यालय के कमरों का इस्तेमाल के नाम पर आम जनता के साथ धोखाधड़ी की जा रही है, जिसे किसी भी कीमत में बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
इस मौके पर सांसद ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2007 में इंजीनियरिंग कॉलेज की घोषणा कैबिनेट से हुई थी. इस कॉलेज के लिए 68 करोड़ रूपया मिला था. उस राशि का क्या हुआ. सांसद ने कहा कि कॉलेज खोलने के लिए भवन की जरूरत है, तो महंत कॉलेज और बीपी इंटर विद्यालय में भी भवन है तो फिर सरकार इन जगहों पर क्यों न पढ़ाई की व्यवस्था कर रही है. महंत कॉलेज की पढ़ाई और रिजल्ट भी पूरे बिहार में अव्वल रहता है.
उन्होंने स्पष्ट रू प से कहा कि यह परिसर अयोध्या प्रसाद ट्रस्ट की है. सांसद ने इस मौके पर अयोध्या प्रसाद सिंह के कॉलेज के प्रति सर्मपण की याद दिलाते हुए कहा कि जब जमीन दी गयी थी. ट्रस्ट बना था तो उसमें उन्होंने अपने अन्य संबंधियों को ट्रस्ट का सदस्य तक नहीं बनाया था. इस मौके पर सांसद ने साफ शब्दों में कह दिया कि आयुर्वेदिक कॉलेज था, है और आगे भी रहेगा. सांसद ने यहां तक कह दिया कि इस पर किसी तरह की कब्जेदारी का प्रयास मेरी लाश पर ही संभव है. सांंसद ने इस मौके पर कहा कि आयुर्वेदिक कॉलेज सह अस्पताल आज मरणासन्न अवस्था में पहुंच गया है. इस मौके पर सांसद ने जांच टीम को महाविद्यालय के ट्रस्ट से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी.
इस विरोध का नतीजा हुआ कि जांच टीम बिना निरीक्षण के ही वापस हो गयी. इस मौके पर आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य विनोद पाठक ने जांच टीम को सम्मान के साथ अपने कक्ष में ले गये. इस दौरान कई बिदूओं पर चर्चा हुई. मौके पर समाजसेवी दिलीप कुमार सिन्हा, विष्णुदेव सिंह कई छात्र संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
बिहार सरकार की उपेक्षा के कारण महाविद्यालय में कर्मियों की न नियुक्ति हो पा रही है और न ही नामांकन हो रहा है. बेगूसराय की जनता इस आयुर्वेदिक कॉलेज को नये स्वरूप में देखना चाहती है लेकिन बिहार की सरकार बेगूसराय की जनता के साथ जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है. इसका बेगूसराय की जनता जबरदस्त विरोध करेगी.
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