बेगूसराय (नगर) : कपड़ा पर बिहार सरकार के द्वारा पांच प्रतिशत टैक्स लगाये जाने को लेकर शहर के कपड़ा व्यवसायियों की प्रस्तावित तीन दिवसीय हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा. इस मौके पर व्यवसायियों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के विरोध में जम कर आवाज बुलंद की. कपड़ा व्यवसायी संघ के सचिव हरेराम दास ने इस मौके पर कहा कि बिहार सरकार के द्वारा कपड़े व साड़ियों पर तत्काल रूप से टैक्स पांच प्रतिशत लगाने का निर्णय लिया है,
जो बिहार की जनता व कपड़े व्यवसायियों पर कुठाराघात है. उन्होंने कहा कि सह सर्वविदित है कि भारत वर्ष में कपड़े पर कोई टैक्स नहीं है. बिहार में टैक्स लगाने से बिहार के कपड़े के व्यवसायी का व्यापार में बहुत ज्यादा नुकसान होनेवाला है. जनता पर अतिरिक्त बहुत बड़ा बोझ पड़ेगा. इस मौके पर व्यवसायी सह निगम पार्षद रंजीत दास ने कहा कि बिहार के सीमा पर यूपी, बंगाल व झारखंड अवस्थित है. यहां कपड़े का भाव अधिक हो जाने पर बिहार के उपभोक्ता बिहार के बाहर जाकर कपड़े की खरीदारी करेंगे. नतीजा होगा कि व्यापारियों व कर्मचारियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी.
श्री दास ने कहा कि कपड़े से टैक्स पर बिहार सरकार को टैक्स के रूप में अनुमानित 10 करोड़ से अधिक नहीं आनेवाला है. बेगूसराय के सभी कपड़ा व्यवसायी इस टैक्स का विरोध करते हैं. शहर के व्यवसायियों ने सरकार से इस टैक्स को वापस लेने की मांग की. व्यवसायियों ने साफ शब्दों में कहा कि अगर सरकार इसमें आना-कानी करेगी, तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे.