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जिले के 17 प्रखंडों में 34 किसान पाठशाला का होगा आयोजन

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा बेगूसराय द्वारा शारदीय खरीफ 2025- 26 में साम्हो प्रखंड को छोड़कर जिले के शेष सभी 17 प्रखंडों में कुल 34 किसान पाठशाला का आयोजन कराया जायेगा.

बेगूसराय. कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा बेगूसराय द्वारा शारदीय खरीफ 2025- 26 में साम्हो प्रखंड को छोड़कर जिले के शेष सभी 17 प्रखंडों में कुल 34 किसान पाठशाला का आयोजन कराया जायेगा. कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से इस बार नई फसल के बारे में किसानों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से गेंदा और खरीफ प्याज की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. शारदीय खरीफ मौसम में प्याज से किसानों को अन्य फसलों के मुकाबले काफी ज्यादा लाभ प्राप्त होता है. इसी उद्देश्य से कृषकों के प्रक्षेत्र पर किसान पाठशाला का आयोजन कराया जा रहा है. जिसमें फूलगोभी की उन्नत खेती पर 17, गेंदा की उन्नत खेती पर पांच, टमाटर की उन्नत खेती पर दो, हरा मिर्च उत्पादन तकनीक पर तीन, प्याज उत्पादन तकनीक चार, बंद गोभी उत्पादन तकनीक पर एक, जैविक पद्धति से पपीता उत्पादन पर एक तथा भिंडी उत्पादन पर एक सहित कुल 34 किसान पाठशाला का आयोजन किया जायेगा. प्रत्येक किसान पाठशाला में संचालक के रूप में एक कृषक के अलावे कुल 25 कृषकों को प्रशिक्षणार्थियों के रूप में शामिल किया जाएगा. जिन्हें बीज शैय्या डालने से लेकर फसल की कटाई अवस्था तक कुल चार चरणों में प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षण देने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र अथवा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अलावे विभाग के पदाधिकारी को शामिल किया जाना है. किसान पाठशाला में फफूंदनाशी एवं कीटनाशी एवं तरलपोषक तत्वों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से कराकर किसानों को कृषि में ड्रोन की उपयोगिता से भी रूबरू कराया जाएगा. पूरे किसान पाठशाला के आयोजन पर कुल 32400 का खर्च किया जाना है. प्रखंड स्तर पर प्रत्येक किसान पाठशाला का अनुश्रवण हेतु एक-एक प्रखंड स्तरीय प्रखंड तकनीकी प्रबंधक या सहायक तकनीकी प्रबंधक को नोडल के रूप में नामित किया गया है. प्रखंड स्तर पर नामित नोडल के द्वारा किसानों को बीज शैय्या तैयार करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानी, बिजाई से पूर्व की बीज उपचार एवं अन्य प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध करायेंगे. इसके साथ-साथ आइपीएम का उपयोग के साथ अनुशंसित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग नैनो डीएपी का प्रयोग एवं अन्य तकनीकों का प्रयोग कर गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन लेने की प्रक्रिया से अवगत कराएंगे, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर प्रत्यक्षण प्लॉट पर किसानों को संतुलित मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग की भी जानकारी दी जाएगी, फसलों में रोग प्रबंधन,पोषक तत्व प्रबंधन, किट व्याधि प्रबंधन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जायेगी.

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