बेगूसराय : विद्युत आपूर्ति प्रमंडल बेगूसराय एवं बरौनी में विगत वर्षों से कार्यरत परंतु हड़ताल पर जाने के कारण श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए जबरन कार्यमुक्त कर दिये गये मानव बल विद्युत कर्मी को वापस काम पर लौटाने की मांग को लेकर संघर्षरत मानव बलों का शिष्टमंडल सीटू राज्य सचिव सुरेश प्रसाद सिंह, सीटू नेता अंजनी कुमार सिंह एवं एटक नेता विष्णुदेव सिंह के नेतृत्व में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार चौधरी के आमंत्रण पर अनुमंडल पदाधिकारी प्रकोष्ठ में आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता में शामिल हुए. अध्यक्षता सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार चौधरी ने की.
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मानव बल विद्युतकर्मी को बिना शर्त काम पर वापस लें
बेगूसराय : विद्युत आपूर्ति प्रमंडल बेगूसराय एवं बरौनी में विगत वर्षों से कार्यरत परंतु हड़ताल पर जाने के कारण श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए जबरन कार्यमुक्त कर दिये गये मानव बल विद्युत कर्मी को वापस काम पर लौटाने की मांग को लेकर संघर्षरत मानव बलों का शिष्टमंडल सीटू राज्य सचिव सुरेश प्रसाद सिंह, सीटू […]
बैठक में विद्युत आपूर्ति प्रमंडल बेगूसराय के कार्यपालक अभियंता सहित मानव बल विद्युत कर्मी बौआ माली रजक, राम बदन यादव, किशोर कुमार साहू, गुलशन कुमार भारती, विक्की कुमार, विमल सिंह एवं राजेश कुमार झा आदि शामिल हुए. बैठक के दौरान शिष्टमंडल की ओर से मानव बल विद्युत कर्मी को बिना शर्त कार्य पर पुनः वापस लिये जाने की मांग का प्रस्ताव सीटू नेता अंजनी कुमार सिंह ने रखा.
मौके पर इन्होंने कहा कि वर्षों से कार्यरत मानव बल विद्युत कर्मी को काम से हटाने के खेल में श्रम कानूनों को ताक पर रख कर कार्यपालक अभियंता के द्वारा कार्य किया गया है. जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि चार अक्तूबर को हड़ताल पर जाने की घोषणा के बाद तीन अक्तूबर को ही लाइसेंस फेल संवेदक के साथ एग्रीमेंट करके नया मानव बल विद्युत कर्मी को नियुक्त करना, जबकि उस दिन तक सारे मानव बल विद्युत कर्मी काम पर उपस्थित ही थे और पूर्व के संवेदक का वैकल्पिक काम चलाऊ मानव बल सूची चार अक्तूबर को विभागीय निर्देशानुसार दिया जा चुका था.
फिर भी वर्षों से कार्यरत मानव बल विद्युत कर्मी को एक झटके में कार्यमुक्त कर दिया गया. हद तो तब हो गयी कि हड़ताल पर जाने वाले कर्मियों में से जिसने कमीशन देना स्वीकार कर लिया उसे बहाल कर लिया गया.
बाकी 39 मानव बल विद्युत कर्मी को सड़क पर भटकने के लिए छोड़ दिया गया है. सदर अनुमंडल पदाधिकारी के हस्तक्षेप से वरीय पदाधिकारियों का मार्ग दर्शन लेकर दस दिनों के भीतर न्यायोचित फैसला लेने अन्यथा कानूनी कार्रवाई किये जाने के फैसले के साथ बैठक की कार्यवाही समाप्त की गयी .
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