बरौनी (नगर) : सिमरिया धाम का संपूर्ण इलाका शुक्रवार से तपोभूमि में परिणत हो गया. धूप,अगरबत्ती, हवन आदि के सुगंध से पूरा वातावरण सुवासित हो रहा है. संतों व विभिन्न खालसाओं में रहने वाले कल्पवासी सिमरिया गंगा तट पर सांसारिकता से दूर भगवत भजन व साधना में लीन हो चुके हैं.
सूर्योदय से पहले उठना, दिनचर्या से निवृत्त होकर गंगा स्नान, तुलसी चौरा में दीप दिखाना, सत्संग और प्रवचन सुनने के साथ-साथ कई तरह के व्रत व अनुष्ठान में दिन भर लगे रहे.वहीं खालसाओं के पंडालों से प्रवचन व कीर्तन के स्वर फूटने लगे हैं. श्रद्धालुओं को अध्यात्म का चरम आनंद और संस्कृति का दर्शन व परंपरा का साकार रूप एक साथ देखने-सुनने को मिल रहा है. मेले में हर ओर धर्म व अध्यात्म की गंगा बह रही है. सिद्धाश्रम के स्वामी चिदात्मनजी महाराज, वैष्णव दास रामायणी, महामंडलेश्वर अवध किशोरजी महाराज,
बौआ हनुमान सरीखे धर्माचार्य तथा देश के विभिन्न हिस्सों से आये विभिन्न मतों,संप्रदायों और विभिन्न जातियों के लोग अध्यात्म के रास्ते सामाजिक सौहार्द को मजबूती प्रदान करने के लिए आराधना में लग गये हैं.