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पर्यावरण प्रबंधन की दी जानकारी

आयोजन . 30वीं सीएचटी एक्टिविटी मीट का हुआ शुभारंभ बेगूसराय : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुषंगी संगठन उच्च प्रौद्यगिकी केंद्र (सीएचटी) एवं बरौनी रिफाइनरी द्वारा 21-22 सितंबर को 30वीं सीएचटी एक्टिविटी मीट का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को इसका उद्घाटन वी के शुक्ला, कार्यपालक निदेशक, बरौनी रिफाइनरी, मुख्य अतिथि एस एन […]

आयोजन . 30वीं सीएचटी एक्टिविटी मीट का हुआ शुभारंभ

बेगूसराय : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुषंगी संगठन उच्च प्रौद्यगिकी केंद्र (सीएचटी) एवं बरौनी रिफाइनरी द्वारा 21-22 सितंबर को 30वीं सीएचटी एक्टिविटी मीट का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को इसका उद्घाटन वी के शुक्ला, कार्यपालक निदेशक, बरौनी रिफाइनरी, मुख्य अतिथि एस एन जायसवाल, वैज्ञानिक सह बोर्ड विश्लेषक, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सुशोभन सरकार,सलाहकार (तकनीकी),
सीएचटी, मधुश्री मैती, संयुक्त निदेशक, सीएचटी, रवींद्र मानवी, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी सेवा एवं एचएसई), एल एन प्रसाद, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी), समिरन सरकार, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना), टी के सेठ, मुख्य महाप्रबंधक (पी एंड यू एवं यंत्र प्रयोग), मानस बरा, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), सुनील कपूर, महाप्रबंधक (एचएसई), इंडियन ऑयल,मथुरा रिफाइनरी द्वारा किया गया. ज्ञात हो कि 30वीं सीएचटी एक्टीविटी मीट का विषय ”पर्यावरण प्रबंधन” है.
मौके पर विप्लव विश्वास, महाप्रबंधक (तकनीकी सेवा एवं एचएसई) ने गण्यमान्य अतिथियों और आईओसीएल,एचपीसीएल, बीपीसीएल, नुमालीगढ़ रिफाइनरी, सीपीसीएल, एस्सार, ओएनजीसी, एचएमईएल और भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड के प्रतिनिधियों का स्वागत किया. मौके पर सुशोभन सरकार, सलाहकार(तकनीकी), सीएचटी ने कहा कि ”रिफाइनरी सेक्टर चुनौतीपूर्ण चरण से गुजर रहा है. अंर्तराष्ट्रीय मानकों एवं कड़े पर्यावरण नियमों के अनुरूप ईंधन की गुणवत्ता को उन्नत करने के लिए बड़े निवेश करने की जरूरत है. एक अप्रैल 2017 से पूरे देश में भारत स्टेज (बीएस-फोर ) के ईंधन को अनिवार्य किया गया है एवं अप्रैल 2020 तक बीएस सिक्स के ईंधन को लागू करने का निर्देश है. इसके अलावा केरोसिन में सल्फर की मात्रा को कम करने के भी निर्देश दिये गये हैं. इन सभी निर्देशों के पीछे पर्यावरण सुरक्षा की मंशा है. आने वाले दिनों में सरकार और भी सख्त विनियमों को लाने वाली है जिससे कार्बन डाईऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड जैसे हानिकारक गैस के उत्सर्जन पर नियंत्रण किया जा सके. स्वच्छ जल की कमी को देखते हुए रिफाइनरियों को ईटीपी एवं आर ओ जैसे ऑपरेशनों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है. मौके पर एसएन जायसवाल, वैज्ञानिक सह बोर्ड विश्लेषक ने पर्यावरण एवं प्रदूषण से संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी. कार्यपालक निदेशक बरौनी रिफाइनरी ने अपने संबोधन में पर्यावरण प्रबंधन के लिए बरौनी रिफाइनरी द्वारा की जा रही पहल पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि 2035 तक पेट्रोलियम पदार्थों की मांग दुगुनी होने वाली है जिसके लिए हमें तैयार रहना है.
तकनीकों पर िकया गया िवचार-िवर्मश
प्रतिनिधियों ने दी प्रस्तूति
नवपरिवर्तन एवं प्रौद्योगिकी से पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए प्रयास करना है. इसके बाद सभी रिफाइनरियों से आये प्रतिनिधियों ने पर्यावरण प्रबंधन पर चल रही उत्कृष्ट कार्यकलापों पर प्रस्तुति दी. ज्ञात हो कि सीएचटी नियमित रूप से इस प्रकार की संगोष्ठियों का आयोजन करता है. जिसमें रिफाइनरी एवं पाइप लाइन प्रचालन से संबंधित तकनीकों पर विचार-विमर्श एवं ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाता है. कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक काॅरपोरेट संचार अंकिता श्रीवास्तव ने किया.

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