अनदेखी . बस स्टैंड में याित्रयों के िलए सफाई, पानी की नहीं है व्यवस्था
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सुविधा में फिसड्डी हो रहा बस स्टैंड
अनदेखी . बस स्टैंड में याित्रयों के िलए सफाई, पानी की नहीं है व्यवस्था बेगूसराय : यात्रियों के पॉकेट से नगर निगम के लिए करोड़ों की आय अर्जित करने वाला नगर निगम बस पड़ाव यात्रियों को सुविधा देने में फिसड्डी साबित हो रहा है.यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं का जहां घोर अभाव है ,वहीं बस-मोटर चालक […]
बेगूसराय : यात्रियों के पॉकेट से नगर निगम के लिए करोड़ों की आय अर्जित करने वाला नगर निगम बस पड़ाव यात्रियों को सुविधा देने में फिसड्डी साबित हो रहा है.यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं का जहां घोर अभाव है ,वहीं बस-मोटर चालक व अन्य कर्मी भी निगम की विभागीय उदासीनता से हो हलकान हो रहे हैं.
पीने के पानी को लेकर भटकते हैं यात्री : बस स्टैंड के मुख्य गेट पर पूर्वी भाग में लगे दोनों हैंड पंप खराब पड़े हैं . वहीं एक घड़ानुमा प्याउं में भी कई जगह पर बड़े छिद्र हो चुका है.जिसके कारण पानी स्टोर नहीं हो पाता है. टोंटी से भी पानी बुंद – बुंद ही निकलता है. यात्रियों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. कुछ चापाकल बस स्टैंड निगम बाजार के अंदर है जो नजर में नहीं आ पाने के कारण यात्रियों के काम का नहीं है. दो हैंड पंप यात्री विश्रामालय के उत्तर और दक्षिण तरफ है जिसमें दक्षिण तरफ का हैंड पंप खराब पड़ा है.उत्तर वाला हैंड पंप होटल संचालकों द्वारा रखरखाव के कारण ही चालू हालत में है जिसका उपयोग बस स्टाफ लोग स्नान व नित्य क्रिया में ही कर पाते हैं.
जर्जर विश्रामालय खतरनाक : तीन दशक से भी ज्यादा पुराना यात्री विश्रामालय अब जर्जर हालत में पहुंच चुका है. छत के मोटे- मोटे कंक्रीट टूट टूट कर गिर रहे हैं़
अस्त -व्यस्त है पार्किंग व्यवस्था : लगभग छह महीनों से अस्त -व्यस्त पार्किंग व्यवस्था के कारण यात्रियों को तो काफी फजीहत उठानी पड़ती है.साथ ही साथ बस स्टैंड के मुख्य द्वार शहर का मुख्य मार्ग एन एच पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. जिससे आवागमन करने वाले आम लोगों को भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. वहीं बस संचालकों व मोटर चालकों को भी परेशानी होती है . आये दिन बसों में आपस में घर्षण से खरोंच के कारण मोटर मालिकों को काफी नुकसान हो जाता है.
रोशनी की नहीं है व्यवस्था : बस स्टैंड के हाइ लैंप लाइट ही एक मात्र रोशनी का मुख्य साधन है. इसके अलावा विश्रामालय की रोशनी व्यवस्था का रख रखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है.रात्रि में रुकने वाले लोगों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
नहीं है सुरक्षा की गारंटी : बस स्टैंड में सुदूर इलाके में जाने वाले यात्रियों को यदि बस स्टैंड में सुबह होने तक रूकना पड़ जाये जो वो सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. यात्री विश्रामालय में स्थायी रूप से सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं है.
नहीं हो पाया है अपराध मुक्त बस स्टैंड : बस स्टैंड में अपराध की रोकथाम की बार- बार बात तो होती रही है परंतु आज भी स्टैंड अपराध से मुक्त नहीं हो पाया है.
दिन दहाड़े ही उच्चकों के द्वारा महिला यात्रियों से पर्स झपट भाग जाने की घटना होती रहती है.पॉकेटमार भी हमेशा सक्रिय रहते हैं.ज्यादातर यात्री हल्ला-गुल्ला मचाकर व रो-पीट कर रह जाते हैं . इस तरह के अपराध का एफआइआर नहीं ही करते हैं.
क्या कहते हैं महापौर
बस स्टैंड की सूरत बदलने के लिए काम शुरू हो चुका है. लगातार निरीक्षण किया जा रहा है.यात्री सुविधाओं को लेकर आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.
उपेंद्र प्रसाद सिंह, महापौर, नगर निगम
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