परेशानी . करहरिया में नहीं है सल्पाई वाटर, पेयजल के िलए तरसते हैं लोग
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सरकारी योजनाओं का बुरा हाल
परेशानी . करहरिया में नहीं है सल्पाई वाटर, पेयजल के िलए तरसते हैं लोग शहर का वार्ड नंबर 10 करहरिया पॉश इलाका माना जाता है. लेकिन यह वार्ड भी अन्य वार्डो की तरह विभिन्न समस्याओं से जुझ रहा है. वार्ड की मूल समस्या में पेयजल, नाला जाम व सड़क पर बहती गंदा पानी प्रमुख है. […]
शहर का वार्ड नंबर 10 करहरिया पॉश इलाका माना जाता है. लेकिन यह वार्ड भी अन्य वार्डो की तरह विभिन्न समस्याओं से जुझ रहा है. वार्ड की मूल समस्या में पेयजल, नाला जाम व सड़क पर बहती गंदा पानी प्रमुख है. राज्य सरकार के सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना का यहां शुरुआत तक नहीं हुआ है. वार्ड में गंदगी रखने वाला डस्टवीन, सार्वजनिक शौचालय, पेयजल की पाईप लाइन व सरकारी चापाकल आदि का घोर आभाव है. इसके अलावा नामात्र वार्डवासियों को ही सरकार की अन्य सुविधा उपलब्ध हो सकी है. बांकी लोग नगर परिषद का चक्कर लगाते ही रह गये हैं.
बांका : चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करने वाले प्रत्यासी चुनाव जीतने के बाद वार्डवासियों के बीच घुमकर नही आते है. वार्ड की समस्या के सामाधान का सिर्फ अश्वासन दिया जाता है. नगर परिषद के कार्य प्रणाली से वार्डवासी काफी नाखुश है. वार्ड में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. इन समस्याओं के प्रति वार्ड पार्षद से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि उदासीन बने रहते है. यूं कहा जाय तो वार्डवासियों का जनप्रतिनिधियों से विश्वास उठते जा रहा है. वार्डवासियों का कहना है कि चुनाव के दौरान प्रत्यासी बड़े-बड़े वादे किया करते हैं. चुनाव हारने वाले नेता तो कभी कभार हाल-चाल लेने जरूर पहुंच जाया करते हैं लेकिन जीतने वाले नेता कभी भी क्षेत्र की सुधि नहीं लेने आते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर के अन्य वार्डो की तरह करहरिया में भी कार्य किया गया है. वार्डवासियों के कई समस्याओं को दूर भी किया गया है. पेयजल व शौचालय की समस्या के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है.
बीके तरूण, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, बांका
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