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लिक्विड नाइट्रोजन प्लांट बंद

परेशानी. तारनहार की बाट जोह रहा जिला पशुपालन विभाग जिले में 2008 में चालू हुआ फ्रोजेन सीमेंस बैंक लिक्विड नाइट्रोजन सिलिंडर में रिसाव के कारण बंद हो गया है. इसके बाद से मुंगेर जिला से लिक्विड नाइट्रोजन का आयात कर जिले की मांग को पूरा किया जा रहा है. बांका : जिला का पशु अस्पताल […]

परेशानी. तारनहार की बाट जोह रहा जिला पशुपालन विभाग

जिले में 2008 में चालू हुआ फ्रोजेन सीमेंस बैंक लिक्विड नाइट्रोजन सिलिंडर में रिसाव के कारण बंद हो गया है. इसके बाद से मुंगेर जिला से लिक्विड नाइट्रोजन का आयात कर जिले की मांग को पूरा किया जा रहा है.
बांका : जिला का पशु अस्पताल व पशुपालन विभाग खुद अपने ही इलाज की बाट जोह रहा है. करीब आठ वर्ष पूर्व इस विभाग को एक तालनहार मिला था जिससे विभाग में नई उर्जा का संचार हुआ. लेकिन वो भी मात्र ढाई वर्षों के लिए. उसके बाद विभाग की स्थिति फिर वहीं पहुंच गयी जहां पूर्व में थी. करीब 30 वर्ष पूर्व जब बांका अनुमंडल था. उस समय जिला पशुपालन विभाग के परिसर में लाखों की लागत से 30 हजार लीटर के लिक्विड नाइट्रोजन का प्लांट लगाया जा रहा था.
लेकिन उस समय ऐसी क्या बात हो गयी कि आधा अधूरा ही प्लांट लग पाया और बीच में ही उसका निर्माण कार्य बंद हो गया. 30 हजार लीटर के लिक्विड नाइट्रोजन का सलेंडर आज भी जर्जर भवन के अंदर अवस्थित है जो पूरी तरह सड़ चूका है. जिससे फ्रोजेन सीमेंस बैंक का सपना बांकावासी के लिए सपना ही बन कर रहा गया. इसके बाद फ्रोजेन सीमेंस बैंक का सपना वर्ष 2008 में पूरा हुआ. जब बांका के विधायक रामनारायण मंडल पशुपालन विभाग के केबिनेट मंत्री हुए. इनके कार्यकाल में ही फ्रोजेन सीमेंस बैंक बांका में लगाया गया था.
कहां – कहां होती थी सप्लाई
वर्ष 2008 में 6 हजार लीटर के फ्रोजेन सीमेंस बैंक की स्थापना के बाद बांका से राज्य भर में करीब दर्जन भर जिलों जैसे भागलपुर, मुंगेर, जमुई, खगड़िया, शेखपुरा सहित अन्य जिलों को लिक्विड नाइट्रोजन (कृत्रिम गर्वाधान) का सप्लाई किया जाता था. लेकिन समय का चक्र ऐसा घुमा की बांका विधायक के मंत्री पद से हटते ही बांका से कृत्रिम गर्वाधान की सप्लाई बंद हो गयी. क्योंकि लिक्विड नाइट्रोजन का जो सलेंडर लगा हुआ था उसमें रिसाव आ गया और उसकी मरम्मति के अभाव में यह बंद हो गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि आज बांका मुंगेर जिला से लिक्विड नाइट्रोजन का आयात कर अपने जिले की मांगों को पूरा कर रहा है.
अस्पताल में कर्मी का है अभाव
जिला पशुपालन अस्पताल में कंपाउंडर का पद 12 वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ है. चपरासी दुसरे विभाग से अस्पताल में प्रतिनियुक्त था जिसे हाल के दिनों में रिलिफ कर दिया गया. नाइट गार्ड गिरधारी यादव की मौत के बाद यह पद भी रिक्त पड़ा हुआ है. सबसे अहम बात यह है कि जिला पशु शल्य चिकित्सक का पद भी रिक्त है. इस पद पर 31 जनवरी 2016 को बालेश्वर प्रसाद सिन्हा के सेवानिवृत्ति के बाद आज तक यह प्रभार नहीं चल रहा है. वर्तमान में इस पद पर डा. सुरेश प्रसाद सिंह प्रभार में है.
कहते हैं विधायक
अप्रैल 2008 में जब मैं पशुपालन विभाग का मंत्री बना था उस समय बांका में 6 हजार लीटर के फ्रोजेन सीमेंस बैंक की स्थापना करवाई गयी थी. जिससे राज्य के करीब दर्जन भर जिलों को कृत्रिम गर्वाधान के लिए लिक्विड नाइट्रोजन की सप्लाई की जाती थी, लेकिन बांका का दुर्भाग्य है कि मेरे मंत्री पद से हटते ही लिक्विड नाइट्रोजन का प्लांट खराब हो गया. उसके बाद राज्य पशुपालन विभाग के आदेश से बांका में लिक्विड नाइट्रोजन की पूर्ति मुंगेर से की जाने लगी.
रामनारायण मंडल, बांका विधायक, पूर्व कैबिनेट मंत्री, पशुपालन विभाग बिहार

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