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एटीएम कार्डधारी हैं बीमा के हकदार

जानकारी. कार्ड पर बैंक कराती है 50 हजार से पांच लाख तक इंश्योरेंश अगर आपके पर्स में एटीएम (अॉटोमेटेड टेलर मशीन)कार्ड है, तो आप दुर्घटना बीमा के हकदार हैं. आपको एटीएम कार्ड पर जारी होने वाला पांच लाख का दुर्घटना बीमा मिल सकता है. हालांकि यह आम तौर पर सभी लोगों को पता नहीं है. […]

जानकारी. कार्ड पर बैंक कराती है 50 हजार से पांच लाख तक इंश्योरेंश

अगर आपके पर्स में एटीएम (अॉटोमेटेड टेलर मशीन)कार्ड है, तो आप दुर्घटना बीमा के हकदार हैं. आपको एटीएम कार्ड पर जारी होने वाला पांच लाख का दुर्घटना बीमा मिल सकता है. हालांकि यह आम तौर पर सभी लोगों को पता नहीं है. अधिकारी भी एटीएम देते समय ऐसा नहीं बताते.
बांका : ऑन लाइन शॉपिंग करनी हो या फिर बाजार से कुछ खरीदना हो, जेब में अगर एटीएम कार्ड है तो हर काम आसान हो जाता है. एटीएम तो सभी इस्तेमाल करते है. लेकिन क्या आप जानते है कि इसमें पांच लाख तक दुर्घटना बीमा भी होता है. बैंक यह बात आपसे छुपा कर रखता है. कुछ नियम अपनाया जाये तो आप भी उस बीमा के हकदार हो जायेंगे. आपका किसी भी बैंक में एकाउंट है और आप एटीएम इस्तेमाल करते है, तो बैंक ने आपका 25 हजार से लेकर पांच लाख तक दुर्घटना बीमा कराया है.
बीमा योजना में बिना कोई राशि जमा किये नि:शक्तता से लेकर मौत होने तक के मुआवजे का प्रावधान है. लेकिन 95 फिसदी लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं है. अगर एटीएम यूज करने के 45 दिनों के बाद अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो वह मुआवजा पाने का हकदार हो जाता है. इस योजना को शुरू हुए कई साल हो चुके हैं.
अलग-अलग एटीएम पर अलग-अलग प्रावधान: अगर आपके पास प्लेटिनम कार्ड है, तो आप दो लाख रुपये दुर्घटना बीमा के हकदार हैं. आपके पास क्लासिक कार्ड या किसान डेबिट कार्ड है तो उस पर 50 हजार रुपये की राशि तय की गयी है. पीएनबी मित्र एटीएम कार्ड पर 25 हजार रुपये तक दुर्घटना बीमा का प्रावधान है. जबकि मास्टर रक्षक प्लेटिनम कार्ड पर पांच लाख रुपये तक दुर्घटना बीमा राशि का प्रावधान है.
दुर्घटना हो, तो बैंक जाकर करें आवेदन
स्कीम के मुताबिक अगर एटीएम धारक की मौत दुर्घटना में हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य को दो महीने से लेकर पांच माह के अंदर उस बैंक में जाना होगा, जहां उसका खाता था. वहां मुआवजे के लिए अर्जी देनी होगी. अगर वह एटीएमधारी एक बैंक से अधिक बैंकों के खाते का उपयोग करता है, तो उसके परिवार के लोग सिर्फ एक ही बैंक के एक ही एटीएम के मुआवजे के हकदार हैं. वो भी उससे, जिससे पैसे का लेन देन किया जा रहा हो.
साथ ही बैंक इस बात का भी ख्याल रखेगा, कि मौत से पहले पिछले 45 दिनों के अंदर उस एटीएम से किसी प्रकार का वित्तीय लेन देन हुआ था कि नहीं. बैंक में एकाउंट खुलने के बाद जैसे ही आपको एटीएम मिलता है, बीमा पॉलिसी लागू हो जाती है. बैंक की तरफ से बीमा करवाया जाता है, ताकि एटीएम धारक की मौत के बाद परिवार को मदद मिल सके. शहर से लेकर गांव तक बहुत कम लोग ऐसे बचे हैं जो एटीएम का इस्तेमाल ना करते हों. लेकिन बड़ी संख्या में लोग एटीएम की बीमा योजना के संबंध में नहीं जानते.
कहते हैं अधिकारी
एटीएम बीमा योजना की शुरुआत की पहल की जा रही है. अब तक इसके लागू होने की सूचना मिली है.
सुधांशु शेखर, एलडीएम, बांका

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