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मुंगेर व पटना से जुड़े हैं तार
मामला नकली स्टांप के कारोबार का. सक्रिय है गिरोह बांका में दो दशकों से नकली जुडिशियल व नन जुडिशियल स्टांप कारोबारियों का गिरोह काम कर रहा है. अब तक आधे दर्जन बार कार्रवाई भी की जा चुकी है. कई बार लाखों के नकली स्टांप भी जब्त किये गये हैं. लेकिन कारोबार बंद नहीं हो रहा. […]
मामला नकली स्टांप के कारोबार का. सक्रिय है गिरोह
बांका में दो दशकों से नकली जुडिशियल व नन जुडिशियल स्टांप कारोबारियों का गिरोह काम कर रहा है. अब तक आधे दर्जन बार कार्रवाई भी की जा चुकी है. कई बार लाखों के नकली स्टांप भी जब्त किये गये हैं. लेकिन कारोबार बंद नहीं हो रहा.
बांका : नकली स्टांप का कारोबार बांका के लिए नया नहीं है. यह अवैध कारोबार यहां अर्से से फल फूल रहा है. नकलीस्टांपों के अवैध कारोबार की जड़े यहां गहरी पैठ बना चुकी है. इस कारोबार में बांका सहित जिले के कई सफेद पोश शातिरों की संलिप्तता रही है. बांका में इस कारोबार का इतिहास करीब दो दशक पुराना है.
इस दौरान कम से कम आधे दर्जन बार इस अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हो चुका है. लेकिन बावजूद इन सबके इस कारोबार का सिलसिला यहां थमने का नाम नहीं ले रहा. दरअसल बांका में नकली स्टांप का अवैध कारोबार बारहमासी होकर रह गया है.
सच तो यह है कि तमाम प्रशासनिक कार्रवाईयों और रहस्योद्घाटन के साथ कारोबारियों की गिरफ्तारी के बावजूद यह गोरखधंधा यहां कभी बंद ही नहीं हुआ. इसकी वजह यह रही कि इस कारोबार में कोई एक – दो नहीं बल्कि अनेक लोगों का व्यक्तिगत गिरोह सक्रिय रहा है. जब कभी किसी ने शिकायत की या फिर इस दिशा में प्रशासनिक कार्रवाई, कुछेक दिनों के लिए कारोबार को विराम जरूर लगा पर इसका उन्मूलन नहीं हो सका.
कारोबार से जुड़े हैं कई सफेद पोश
पिछले तीन दिनों की प्रशासनिक सक्रियता की वजह से एक बार फिर यहां सक्रिय नकली स्टांप कारोबारियों के गिरोह का भंडाफोड़ हुआ तो यह मुद्दा चर्चा का विषय बना. इस बार प्रशासनिक कार्रवाई में जो खास बात सामने आयी वह यह कि इससे जुड़े दो वकील ही प्रशासन की गिरफ्त में आ गये.
वह भी नकली स्टांपों के साथ रंगे हाथ. इनमें सुधांशु शेखर दत्ता एवं जय शंकर प्रसाद शामिल है. उनके पास से क्रमश: 31 हजार 400 एवं 13 सौ रुपये के फ्रैंक्ड स्टांप भी बरामद किये गये. पूछताछ में उन्होंने कई गोपनीय सूचनाएं भी इस कारोबार के संबंध में प्रशासन को दी. प्रशासन इस पर आगे की कार्रवाई कर रहा है.
वेलफेयर स्टांप की भी पहुंची थी नकली खेप
अव्वल तो पिछले पंचायत चुनावों के दौरान बिहार स्टेट बार कॉउंसिल द्वारा जारी वेलफेयर स्टांप की भी यहां बड़े पैमाने पर नकली खेप हाथों हाथ चलायी गयी थी. जिला बार एसोसिएशन के हो हंगामे के बाद इस पर जांच के बाद प्रशासन को रोक लगाने में सफलता जरूर मिली थी. लेकिन सफलता कितनी कारगर रही यह बताने की जरूरत नहीं. यहां नकली स्टांपों का खेल जारी रहा. और सिर्फ नकली वेलफेयर स्टांप ही नहीं जुडिशियल स्टांपों का खेल भी यहां के दस्तावेजों पर सर चढ़ कर होता रहा.
मुंगेर के गिरोह का खास बाजार है बांका : बांका जिले में सक्रिय नकली स्टांप कारोबारियों के तार मुंगेर एवं पटना के गिरोहों से जुड़े बताये जाते हैं. प्रशासन की पिछली कार्रवाईयों में भी यह बात उजागर हुई थी. अब तक की कार्रवाईयों में जो बात सामने आती रही है वो ये कि यहां आपूर्ति होने वाले लगभग 70 फीसदी नकली स्टांप मुंगेर से आते हैं. जबकि शेष 30 प्रतिशत पटना व गया से. करीब 9 वर्ष पूर्व यहां हुई प्रशासनिक कार्रवाई में गिरफ्तार एक स्टांप वेंडर की निशानदेही पर तब पुलिस ने मुंगेर के एक गिरोह के ठिकाने पर छापामारी भी की थी. उक्त गिरोह के एक गिरफ्तार सदस्य ने उनके साथ पटना व गया के गिरोहों से तार जुड़े होने की बात स्वीकार की थी.
पहले भी होती रही हैं कार्रवाईयां
सनद रहे कि इससे पहले बांका अनुमंडल कार्यालय परिसर में स्थित स्टांप वेंडरों की गुमटियों में कई बार छापामारी की जा चुकी है. कम से कम आधे दर्जन बार उन कारोबारियों में नकली स्टांप भी बरामद किये गये. कईयों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. 10 वर्ष पूर्व भागलपुर के एक स्टांप वेंडर की बांका स्थित गुमटी में छापामारी कर पुलिस और प्रशासन ने भारी मात्रा में नकली जुडिशियल व नन जुडिशियल स्टांप बरामद किये थे. वेंडर भी गिरफ्तार कर लिया गया था. 8 साल पूर्व जिले के जयपुर रोड में जयपुर व देवघर के मोहनपुर के बीच एक पुल के नीचे से लावारिस हालत में 98 हजार रुपये के अवैध नकली स्टांप बरामद किये गये थे. इन सब मामलों की जांच ज्यों ही थमी यहां फिर से नकली स्टांप कारोबारियों ने अपना धंधा तेज कर दिया.
जल्द ही कारोबार में शामिल पूरे गिरोह का किया जायेगा परदाफाश
नकली स्टांप कारोबारियों के खिलाफ हुई ताजा कार्रवाई के बाद इसे अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लिया जायेगा. इस कारोबार में शामिल गिरोह का एक भी सदस्य कार्रवाई की जद से बच नहीं पायेगा. पुलिस इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में लगी है. जल्द ही इस कारोबार में शामिल पूरी गिरोह का परदाफाश हो जायेगा.
अविनाश कुमार,अनुमंडल दंडाधिकारी, बांका
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