प्रतिनिधि, बांकाभाजपा के प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह सपना है कि बिहार में भाजपा की सरकार बनें लेकिन जिस प्रकार से इस जिले में भाजपा दो खेमे में है उससे विरोधियों को सफलता मिल सकती है. जिलाध्यक्ष के चुनाव के वक्त से जिला भाजपा जो दो खेमे में बंटा, वह अब तक एक नहीं हो पायी है. भाजपा भले ही अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए लाख कार्यक्रम कर ले. लेकिन जो हाल है उससे तो एक भी सीट पर जीत संभव नहीं है. जिलाध्यक्ष का खेमा एक व स्थानीय विधायक का खेमा एक है. जिलाध्यक्ष के खेमा में जिला कार्यकारिणी के प्राय: सभी सदस्य हैं जबकि विधायक खेमा में नगर भाजपा सहित बांका ग्रामीण व बाराहाट प्रखंड है. रविवार को बांका विधानसभा का सम्मेलन किया गया जिसमें अध्यक्ष को छोड़ कर जिला के किसी भी पदाधिकारियों को बोलने का मौका नहीं मिला. जिससे जिले के पदाधिकारी में असंतोष की भावना है. वहीं विधानसभा सम्मेलन के मुख्य बैनर में जिलाध्यक्ष तक की तसवीर तक नहीं लगाया गयी थी. वहीं पिछले दिनों धोरैया में हुए एक कार्यक्रम में बांका विधायक की तसवीर तक नहीं लगायी गयी थी. इस बाबत भाजपा के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि यह ओछी मानसिकता का प्रतीक है.
विधानसभा सम्मेलन में जिले के पदाधिकारियों का नहीं मिला भाषण देने का मौका
प्रतिनिधि, बांकाभाजपा के प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह सपना है कि बिहार में भाजपा की सरकार बनें लेकिन जिस प्रकार से इस जिले में भाजपा दो खेमे में है उससे विरोधियों को सफलता मिल सकती है. जिलाध्यक्ष के चुनाव के वक्त से जिला भाजपा जो दो खेमे में बंटा, वह अब तक एक […]
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