बांका : जिले का माप-तौल विभाग कर्मियों की कमी से जूझ रहा है. जिसकी वजह से राजस्व की क्षति हो रही है. साथ ही जिले में कई दुकानदार धड़ल्ले से बिना लाइसेंस के ही अपना रोजगार चला रहे हैं. वर्तमान समय में जिले भर में कुल 2448 दुकानदारों के पास तराजू का अनुप्ति हैं. जिससे विभाग को करीब एक वित्तीय वर्ष में 25 लाख का राजस्व प्राप्त होता है. सही ढंग से जिले भर के दुकानों की जांच की जाये तो दुकानदारों की संख्या तकरीबन 5 हजार के आसपास हो सकती है. दुकानों का सही तरीके से जांच पड़ताल नहीं होना विभागीय लापरवाही या फिर कर्मियों की कमी मानी जा रही है.
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कर्मचारी विहीन है माप-तौल विभाग बिचौलियों के भरोसे हो रहा काम
बांका : जिले का माप-तौल विभाग कर्मियों की कमी से जूझ रहा है. जिसकी वजह से राजस्व की क्षति हो रही है. साथ ही जिले में कई दुकानदार धड़ल्ले से बिना लाइसेंस के ही अपना रोजगार चला रहे हैं. वर्तमान समय में जिले भर में कुल 2448 दुकानदारों के पास तराजू का अनुप्ति हैं. जिससे […]
अगर विभाग में समुचित कर्मी की उपलब्धता हो जाय तो सलाना राजस्व दोगुना से ज्यादा हो सकती है. हालांकि विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में 21 लाख 50 हजार के राजस्व की वसूली हुई थी. वर्तमान समय में अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक करीब 22 लाख रूपये राजस्व की वसूली हो चुकी है. वहीं विभाग के द्वारा की गयी छापेमारी में 59 दुकानदारों पर केस दायर किया गया है. जिसमें 20 दुकानदारों की गैरहाजिरी पर मामला न्यायालय को भेज दिया गया है
कर्मी की कमी से नियमित नहीं खुलता है कार्यालय
सिंगल हैंड कार्यालय होने की वजह से माप तौल विभाग का कार्यालय प्रतिदिन नहीं खुल पाता है. जिससे जिले भर से लाईसेंस रैनुअल के लिए पहुंचने वाले दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वर्षों से यह विभाग सिंगल हैंड से ही संचालित हो रहा है. जिससे विभागीय अधिकारी को परेशानी हो रही है. साथ ही जिले भर के दुकानदार भी परेशान हैं.
अवैध तरीके से जिले भर में संचालित हाे रहे दर्जनों तराजू
विभागीय जानकारी के अनुसार तराजू दुकान का लाइसेंस पटना से आवंटित होता है, जिले में इलेक्ट्रॉनिक तराजू के 2 एवं मैनुएल तराजू के 4 दुकान निबंधित है. जिसमें एक-एक इलेक्ट्रीक तराजू के बांका व बाराहाट में है. जबकि मैनुएल तराजू के जयपुर में तीन, बांका में एक दुकान संचालित हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे जिले में दर्जन भर से अधिक बिना निबंधन के तराजू का दुकान बेरोकटोक चल रहे हैं.
जिसकी निगरानी के लिए विभाग सुस्त पड़ा हुआ है. ऐसे में निबंधित दुकानदार से कम कीमत पर बिना निबंधन के दुकानदार तराजू की बिक्री कर रहे हैं. जिससे अनुज्ञप्ति वाले दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस दिशा में विभागीय पहल सिफर है. जिसका खामियाजा अनुप्ति वाले दुकानों को उठाना पड़ रहा है.
लाइसेंस के लिए दुकानदारों से वसूली जाती है मोटी रकम
माप-तौल विभाग में हैंड की कमी रहने की वजह से इस कार्यालय में बिचौलिया का बोलबाला है. लाइसेंस कराने के लिए पहुंचने वाले दुकानदारों का आर्थिक दोहन बे-रोकटोक जारी है.
नाम न छापने के शर्त पर आधा दर्जन नये पीडीएस लाइसेंसधारियों ने बताया है कि विभाग द्वारा माप-तौल का लाइसेंस लेने के एवज में मोटी रकम वसूली जाती है. जो अवैध है. विभाग द्वारा रसीद में अंकित राशि के अलावा चढ़ावा व भेंट परंपरा वर्षों से चली आ रही है. कुछ ने तो यहां तक बताया है कि बिचौलिया के बिना चढ़ावा के एक भी कार्य नहीं होता है. कार्यालय में अधिकारी के अधिक बिचौलिया की सनक देखी जाती है.
विभाग में कर्मियों की कमी के वजह से कार्य सही तरीके से संचालित नहीं हो पा रहा है. हालांकि राजस्व की वसूली में वृद्धि हुई है. विभाग के द्वारा कर्मी की उपलब्धता होने पर राजस्व में और अधिक वृद्धि हो सकती है. कार्यालय में बिचौलिया संस्कृति की बात निराधार है. जिलेभर में बिना निबंधन वाले दुकानदारों के के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है.
सूर्यभूषण कुमार, जिला माप तौल पदाधिकारी, बांका
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