बांका : जिले भर में बकरीद धूमधाम व शांतिपूर्ण ढंग से मनाई गयी. समर्पण व बलिदान का प्रतीक ईद-उल-अजहा के मौके पर शहर के मस्जिदों में सामूहिक रूप से नमाज अदा की गयी. मस्जिद में उपस्थित लोग एक-दूसरे से गले मिले और बकरीद की मुबारकबाद दी. साथ ही अपने-अपने घरों में बकरे की कुर्बानी देकर समाज में जकात का वितरण किया. बकरीद को लेकर अहले सुबह से तैयारी की गयी. शिवाजी चौक स्थिति जामा मस्जिद सहित अन्य स्थानों पर नमाज अदा की गयी. नमाज अदायगी को लेकर मस्जिद में काफी भीड़ देखी गयी. बकरीद को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. जगह-जगह पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी. ज्ञात हो कि पूर्व वर्ष की भांति बाबूटोला के ईदगाह में नमाज नहीं पढ़ी गयी. बारिश होने की वजह से ईदगाह का पूरा परिसर कीचड़मय हो गया था. इसी वजह से सभी शहर के मुस्लिम समाज के लोगों ने शिवाजी चौक स्थिति मस्जिद में नमाज अदायगी की.
मुस्लिम समाज के जानकार अली इमाम ने बताया कि अल्लाह के प्रति विश्वास के बंधन को अटूट बनाने का पर्व ही बकरीद है. उन्होंने बताया कि अल्लाह के हुक्म पर इब्राहिम अली ने अपने संतान इस्माइल की कुर्बानी दे डाली थी. पर अल्लाह ने उनके पुत्र की जिंदगी बख्श, इस्माइल की जगह जन्नत से भेजा गया जानवर की कुर्बानी कबूल की. अली इमाम ने बताया कि अल्लाह ने मात्र अपने इब्राहिम से परीक्षा ली थी. इस प्रथा का अनुसरण करते हुए मुस्लिम समाज में बकरे की कुर्बानी दी जाती है. उन्होंने बताया कि बकरे की कुर्बानी देकर एक हिस्सा घर में तो दूसरा गरीब व तीसरा अपने सगे-संबंधियों के बीच वितरित किया जाता है.