सोमवार की दोपहर विराज बिगहा शिवाला के समीप हुई थी घटना सोमवार शाम में ही दो घायलों की हो चुकी थी मौत दुर्घटना में घायल आधे दर्जन लोगों का चल रहा इलाज फोटो नंबर-4-पोस्टमार्टम के इंतजार में परिजन प्रतिनिधि, औरंगाबाद ग्रामीण. कुटुंबा थाना क्षेत्र के विराज बिगहा शिवाला के समीप ऑटो व हाइवा की टक्कर में गंभीर रूप से घायल ऑटो सवार 30 वर्षीय युवक की इलाज के दौरान मौत हो गयी. मृतक की पहचान गया जिले के आमस थाना क्षेत्र के बलखोरा गांव निवासी यमुना राम के पुत्र रंजीत राम के रूप में हुई है. इस घटना में एक महिला खड़गपुर गांव निवासी संगीता देवी व पुरुष कमलेश यादव की मौत घटना के बाद सोमवार की देर शाम में ही हो गयी थी. वहीं आधे दर्जन से अधिक लोग घायल है, इनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. मंगलवार की दोपहर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान मृतक रंजीत के परिजनों ने बताया कि सोमवार की दोपहर वह घर से पत्नी रूबी देवी के साथ हरिहरगंज थाना क्षेत्र के अररुआ गांव स्थित ससुराल जा रहे थे. आमस से दोनों बस पकड़कर औरंगाबाद उतरे. वहां से ऑटो से हरिहरगंज के लिए रवाना हो गये. ऑटो पर कई अन्य लोग भी सवार थे. जैसे ही ऑटो कुटुंबा थाना क्षेत्र के विराज बिगहा गांव के शिवाला के समीप पहुंचा, तभी हरिहरगंज की तरफ से आ रहे हाइवा ने जोरदार टक्कर मार दिया. हाइवा की टक्कर से ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गया और उसमें सवार सभी लोग घायल हो गये. सूचना पर पहुंचे डायल 112 के पुलिसकर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को रेफरल अस्पताल कुटुंबा पहुंचाया. वहां के डॉक्टरों ने कमलेश यादव नामक युवक को मृत घोषित कर दिया. वहीं, अन्य घायलों का इलाज किया. कुछ लोगों को गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल रेफर किया गया. इधर, सदर अस्पताल में खड़गपुर गांव निवासी संगीता देवी की भी मौत हो गयी. इसके बाद डॉक्टरों ने रंजीत को रेफर कर दिया, लेकिन मगध मेडिकल कॉलेज गया जाने के दौरान बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. फिलहाल रंजीत की पत्नी रूबी की स्थिति खतरे से बाहर है. रंजीत की मौत के बाद परिजन उसके शव को लेकर अपने घर चले गये. ग्रामीणों के समझौते के बाद परिजन शव लेकर आमस थाना पहुंचे, लेकिन आमस थाना की पुलिस को शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. इसके बाद नगर थाने की पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. फिलहाल कुटुंबा थाने की पुलिस जांच कर रही है. परिजनों ने बताया कि रंजीत दिव्यांग था, जिसके कारण वह घर पर ही रहता था. उसके एक भी बाल-बच्चे नही है. पहले ही पिता की मौत हो चुकी है. पत्नी व भाइयों की कमाई से घर की परवरिश चलती थी.
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