अंबा. प्रखंड मुख्यालय अंबा के औरंगाबाद रोड में चिल्हकी हाइ स्कूल के समीप वर्षों से रह रहा एक बंजारा परिवार का छोटा बालक बचपन से ही सतबहिनी मंदिर के पास पैसा चुनते-चुनते शातिर चोर बन गया. हालांकि अब वह किशोर बन चुका है. जैसै-जैसे उसका उम्र बढ़ रही है उसका चोरी का दायरा भी बढ़ता जा रहा है. उक्त किशोर के चोरी की लत से अंबा वासी तंग आ चुके है. वह अंबा बाजार के आलावा आसपास का गांव में भी चोरी करने का प्रयास कर रहा है. उसके दादी और बड़ी बहने पत्थर से तैयार कर सिलवट लोढ़ा व चक्की बेचने का रोजगार करते हैं. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2011 में उक्त किशोर के पिता को संडा मेला से लौटने के क्रम में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसके दो वर्ष पहले उसकी मां की भी मौत हो गयी थी. बालक के सिर से जब माता-पिता का साया उठ गया तो वह मारा फिरा चल रहे थे. उसकी दादी और भाई बहन दाने-दाने के लिए मुहताज हो गये थे.ऐसे में प्रभात खबर अखबार के पहल पर उस समय के तत्कालीन डीएम, एसडीओ द्वारा आपदा के तहत मुआवजा के साथ-साथ इंदिरा आवास के लिए निर्माण कराने के लिए राशि और जमीन बंदोबस्त की गयी. सभी छोटे बच्चों को सरकारी स्तर पर पढ़ने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र में तथा बड़े बच्चों को स्कूल में नाम लिखवाया गया था. यहीं नहीं औरंगाबाद के तत्कालीन सांसद सुशील कुमार सिंह द्वारा निजी तौर पर भरपूर सहयोग किया गया था. उक्त परिवार आपदा की राशि मिलने के बाद भी अपने आप को संभाल नहीं सका और उसके बच्चे अनैतिक आचरण से युक्त होकर अब चोरी करने की ओर बढ चुके हैं. किशोर के संबंध में अंबा के व्यवसायियों ने सोशल मीडिया पर शुक्रवार को जानकारी दी है कि अंबा के मदरसा से छड़ चुराकर वह हरिहरगंज रोड में एक टेंपो पर रखते हुए देखा गया. लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की पर वह भाग निकला. इसके पहले उक्त किशोर ने अंबा के पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह के घर पर चोरी करते हुए पकड़ा गया था. अंबा के व्यवसायियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से उसे पकड़कर बाल सुधार गृह में भेजे जाने की मांग की है.
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