13 मई को बिजली के करेंट से छात्रा हुई थी घायल
इलाज के बाद लौटते ही परिजनों व ग्रामीणों ने जताया विरोधप्रतिनिधि, ओबरा.
गुरुवार को उत्क्रमित उच्च विद्यालय शंकरपुर में कुव्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने मुख्य द्वार पर ही प्रदर्शन किया. इसमें बच्चे भी शामिल हुए. प्रदर्शन का नेतृत्व गोकुल बिगहा गांव निवासी दिनेश प्रसाद ने किया. प्रधानाध्यापिका रीता कुमारी व शिक्षकों के विरुद्ध ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि विद्यालय में कुव्यवस्था का दौर चल रहा है. लापरवाही और मनमानी हो रही है. छात्रा रिया कुमारी, सोनी कुमारी, निधि कुमारी, प्रियंका कुमारी, अनु कुमारी, सविता कुमारी, ग्रामीण मनोरंजन कुमार, संजय राठौर, अशोक पासवान, रितेश कुमार, कुणाल कुमार, प्रेमजीत पासवान, रवि कुमार, अवध साव आदि शामिल थे. प्रदर्शन के पीछे गोकुल बिगहा निवासी दिनेश प्रसाद की बेटी प्रीति कुमारी के करेंट की चपेट में आने से जख्मी होना बताया जा रहा है. जानकारी मिली कि 13 मई को विद्यालय परिसर में सुबह 11 बजे लंच के दौरान नौवीं की छात्रा प्रीति कुमारी बिजली के बोर्ड से शॉर्ट सर्किट होने के बाद चपेट में आकर झुलस गयी थी. विद्यालय के एक भी शिक्षक ने उक्त छात्रा को इलाज कराने की व्यवस्था नहीं बनायी और न ही चिकित्सक के पास ले गये. घटना की जानकारी मिलते ही छात्रा की मां व अन्य परिजन विद्यालय में दौड़ते हुए पहुंचे और उसे इलाज के लिए ओबरा के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया. निजी क्लिनिक के चिकित्सक द्वारा सदर हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. यही नहीं सदर अस्पताल से भी उसे मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया.सही तरीके से नहीं हो रहा विद्यालय का संचालन
इधर, जैसे ही उक्त छात्रा इलाज के बाद घर पहुंची तो गुरुवार को उसके पिता दिनेश प्रसाद व आसपास के लोग विद्यालय पहुंचे तथा आक्रोश जताया. विद्यालय के सभी शिक्षक लापरवाह है. यहां तक की प्रधानाध्यापिका भी विद्यालय का संचालन सही रूप से नहीं कर पा रही हैं. अक्सर विद्यालय के बच्चे विद्यालय से बाहर घूमते रहते हैं, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं होती रहती है. यदि परिवार के लोग तत्पर नहीं होते तो उनकी बच्ची की जान चली जाती. आरोप लगाते हुए लोगों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षकों पर कहा कि अक्सर विद्यालय में कुछ न कुछ छात्र-छात्राओं के साथ घटनाएं घटती रहती है, लेकिन फिर भी विद्यालय के शिक्षक अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं ला रहे हैं. आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा विद्यालय के विकास की लिए राशि जो आता है वह बंदरबांट कर दिया जाता हैं. विद्यालय का विकास पूर्ण रूप से नहीं दिख रहा है. इधर प्रधानाध्यापिका रीता कुमारी एवं शिक्षकों ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद है. प्रधानाध्यापिका ने यह भी कहा कि उक्त दिन बिजली बाधित थी. विद्यालय परिसर में लगाये गये सोलर प्लेट से शॉर्ट सर्किट हुई होगी. हालांकि, पता चला कि उस दिन प्रधानाध्यापिका स्वयं छुट्टी पर थी. प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जूही कुमारी ने बताया कि इस तरह का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. इसकी जांच करायी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है