एक दर्जन गांवों के ग्रामीण करेंगे वोट बहिष्कार, की नारेबाजी गांवों में दर्जनों जगहों पर लगायी सड़क नहीं, तो वाेट नहीं की होर्डिंग प्रतिनिधि, हसपुरा. हसपुरा से देवकुंड जाने वाली सड़क त्रिसंकट चौराहा तक काफी जर्जर है. इसको लेकर सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्जनों गांवों के लोगों में आक्रोश उभरा और ग्रामीण सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गये. रविवार को रोड नहीं, तो वोट नहीं के नारे के साथ सैकड़ों ग्रामीण हसपुरा बड़ी फील्ड पर पहुंचे. वहां से जुलूस निकाल कर विरोध जताया. हसपुरा बाजार के बस स्टैंड चौक, हाइस्कूल मोड़, पटेल चौक, मेन बाजार रोड होते दक्षिण मुहल्ला, नरसन रोड, पुरानी थाना रोड समेत विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते अमझरशरीफ से त्रिसंकट चौक तक जुलूस निकाला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार व पथ निर्माण विभाग के खिलाफ आक्रोश जताया. वैसे दर्जनों जगहों पर रोड नहीं, तो वोट नहीं की होर्डिंग लगी है, जिसमें लिखा हुआ था कि कोई भी नेता अमझरशरीफ, मोती बिगहा, बिरहारा, महावल बिगहा, हैदरगंज, पांचू बिगहा समेत कई अन्य गांवों में प्रवेश नहीं करें. प्रदर्शन में शामिल जिला पार्षद प्रतिनिधि व बसपा नेता मो एकलाख खां, सुधीर सिंह, सौरभ कुमार बंटी समेत दर्जनों युवाओं ने कहा कि हसपुरा से देवकुंड जाने वाली सड़क त्रिसंकट चौक तक पिछले कई वर्षों से इतनी खराब है कि पैदल चलना मुश्किल है. इसके बावजूद जर्जर सड़क की दुर्दशा पर किसी भी सांसद, विधायक और संबंधित विभाग के पदाधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया है. आवागमन में परेशानी ग्रामीणों का कहना था कि अमझरशरीफ व देवकुंड धाम ऐतिहासिक धरोहर है. यहां लंबे अरसे से लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क से गुजरने वाले लोगों को दुर्घटना का भय सताते रहता है. कब कौन दुर्घटना का शिकार हो जाये, यह कहा नहीं जा सकता है. अब चुनाव नजदीक है. नेता लोक लुभावने वादे करने के लिए भी तैयार हैं. इस बार रोड नहीं, तो वोट नहीं का ही नारा बुलंद होगा. सड़क नहीं बनी, तो कोई भी व्यक्ति वोट नहीं करेगा.
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