अंबा. कुटुंबा रेफरल अस्पताल में एक नवजात की मौत के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने हंगामा किया. आक्रोशित लोगों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया. लोगों के आक्रोश को देखते हुए डॉक्टर व अन्य कर्मी चेंबर छोड़ भाग गये. हालांकि, सुरक्षा कर्मियों ने मोर्चा संभाला और मामले को किसी तरह शांत कराया. जानकारी के अनुसार, टंडवा थाना क्षेत्र के घुरा सागर गांव निवासी शैलेश सिंह की पत्नी सुगंधा देवी को डिलीवरी के लिए गुरुवार की रात लगभग दो बजे भर्ती करवाया गया था. शैलेश के चचेरे भाई राकेश कुमार ने बताया कि मरीज के भर्ती करने के बाद डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घोर लापरवाही बरती गयी. जब भी मरीज को देखने की बात कही गयी, तब देखते हैं कहकर टाल दिया गया. पर्ची काटने के लिए भी अस्पताल में कोई कर्मी मौजूद नहीं था. कुछ एएनएम द्वारा इलाज करने की बात कहकर उन्हें बेवकूफ बताया गया. डॉक्टर देखने तक नहीं आये. जब इसकी सूचना कुटुंबा निवासी अपने रिश्तेदार मृत्युंजय सिंह को दी तो उनके आने के बाद मरीज की पर्ची कटी और सुबह आठ बजे रजिस्ट्रेशन हुआ. मृत्युंजय सिंह ने बताया कि उनके काफी प्रयास के बाद भी जब डॉक्टर व कोई चिकित्सा कर्मी इलाज नहीं किये तब परिजन भड़क उठे. हंगामा की स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रशासन द्वारा सुबह 11 बजे मरीज को रेफर किया गया. औरंगाबाद सदर अस्पताल पहुंचने के बाद प्रसव हुआ और मृत बालक होने की पुष्टि डॉक्टर ने की. उन्होंने कहा कि समय रहते यदि हंगामा नहीं करता तो महिला की भी जान चली जाती. आक्रोशित लोगों ने नवजात के शव को वापस कुटुंबा अस्पताल में लाकर घंटों हंगामा किया. इस दौरान अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह मामले को संभाला और लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. सूचना पाकर थानाध्यक्ष अक्षयवर सिंह वहां पहुंचे और लोगों से जानकारी ली. इधर नवजात के मां-पिता व परिजनों का रो-रोकर हाल बुरा है. परिजनों ने इसकी शिकायत डीएम व सिविल सर्जन से भी की है.
डॉक्टर ने कहा- संसाधन का है अभाव
ड्यूटी पर तैनात डॉ सुचित पांडेय ने अस्पताल में संसाधन का अभाव होने की बात कही है. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे से वे लगातार ड्यूटी पर हैं. अस्पताल में डॉक्टरों की घोर कमी है. मरीज के बारे में उन्हें सुबह जानकारी मिली. इसके बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए रेफर किया गया. वैसे इस संबंध में जब हॉस्पिटल मैनेजर को फोन लगाया गया तो उन्होंने रिसीव नहीं किया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आकांक्षा सिंह ने कहा कि घटना की जानकारी उन्हें है. हंगामा की वजह से स्वास्थ्य कर्मी चेंबर से गायब हुए होंगे. अस्पताल में मात्र दो एमबीबीएस डॉक्टर ही हैं. डॉ सूचित भी एक डेंटिस्ट है तथा आरबीएसके व यूनानी के एक-एक डॉक्टर की सहायता से अस्पताल को चलाया जा रहा है. इसके लिए उन्होंने कई पत्र भी लिखा है लेकिन डॉक्टरों की पोस्टिंग नहीं हो रही है. सिविल सर्जन विनोद कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है. कुटुंबा में पर्याप्त डॉक्टरों की पोस्टिंग है. मेरे स्तर से किसी डॉक्टर को इधर से उधर नहीं किया जा सकता. राज्य से पोस्टिंग होगी तब उक्त अस्पताल को डॉक्टर मिलेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है