औरंगाबाद शहर. निगरानी और सलाह समिति के अध्यक्ष सह जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मो इसरार अहमद की अध्यक्षता में निगरानी और सलाह समिति की बैठक आयोजित की गयी. इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल, वरिष्ठ अघिवक्ता तथा निगरानी और सलाह समिति के सदस्य रसिक बिहारी सिंह द्वारा मुफ्त कानूनी बचाव पक्ष सहायता प्रणाली के कार्यों की समीक्षा की गयी. इस बैठक में मुफ्त कानूनी बचाव पक्ष सहायता प्रणाली को मई के द्वितीय सप्ताह में प्रदत्त वादों में किये गये कार्यों को संतोषप्रद बताते हुए और बेहतर कार्य करने एवं वाद के निस्तारण कराने के लिए और अधिक प्रयास करने का निर्देश दिया गया. कहा गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार में वैसे लोग जो अत्यंत ही गरीब वंचित, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला आदि हैं जो विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के धारा 12 के अधीन आते हैं, उन्हें उनके वादों में सशक्त एवं बेहतरीन बचाव हेतु एक नई प्रणाली के अंतर्गत यह सब व्यवस्था की गयी है. ऐसे में उम्मीद की जाती है कि आप उन्हें त्वरित और सशक्त बचाव करते हुए न्याय दिलाने में अग्रणी भूमिका का निर्वह्न ईमानदारीपूर्वक करेंगे. मुफ्त कानूनी बचाव पक्ष सहायता प्रणाली के अंतर्गत सभी अधिवक्ताओं की पूर्णकालिक नियुक्ति इसलिए की गयी है कि अपने निजी वकालत के कार्य को छोड़कर सिर्फ विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के धारा 12 के अधीन आने वाले बचाव से संबंधित वाद में कार्य करते हुए उन्हें सशक्त बचाव करते हुए न्याय देना है. ऐसी स्थिति में उनका यह परम दायित्व हो जाता है कि उस पैमाने पर पूर्ण रूप से खरा उतरें. बैठक में मुख्य विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता युगेश किशोर पांडेय, उपमुख्य विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता अभिनंदन कुमार, मुकेश कुमार, सहायक विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता चंदन कुमार एवं रंधीर कुमार द्वारा भी बैठक में दिये गये निर्देश का पूर्णतः पालन करने के लिए समिति को भरोसा दिया गया.
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