अंबा. कुटुंबा प्रखंड के बलिया गांव में श्रीश्री शतचंडी महायज्ञ सह भगवती प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आगाज भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ. कलश यात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धालु अहले सुबह यज्ञ स्थल पर पहुंचे. जगद्गुरु रामानुजाचार्य, झारखंड पीठाधीश्वर श्री गोविंदाचार्य स्वामी जी महाराज के तत्वावधान में आचार्यों द्वारा विधिवत पूजन कराया गया. इसके उपरांत संत व आचार्य के निर्देशन में कलश लेकर श्रद्धालु गांव का भ्रमण व नवनिर्मित मंदिर परिक्रमा कर यात्रा में शामिल हुए. गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी कलश यात्रा की शोभा देखते ही बन रही थी. लाल-पीले वस्त्र धारण कर 500 की संख्या में श्रद्धालुओं ने जलभरी की. इसमें महिलाओं की संख्या अधिक रही. कलश लेकर श्रद्धालु बटाने नदी स्थित परता बांध पहुंचे, जहां आचार्यों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विधिवत गंगा पूजन कराया गया. इसके उपरांत नदी से जल भरकर पुन: यज्ञ स्थल पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने कलश स्थापित किया. मुख्य यजमान के रूप में उपेंद्र सिंह, आनंद सिंह, धर्मेंद्र सिंह, शिवशंकर सिंह व पवन कुमार सिंह ने आचार्य के निर्देशन में पूजन किया. महायज्ञ को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमडी है. बलिया के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण भी अनुष्ठान को सफल बनाने में जुटे हैं.
सामाजिक कुरीतियां को मिटाने को अनुष्ठान जरूरी : लक्ष्मी प्रपन्न
अपनी सभ्यता व संस्कृति को बचाने के लिए सामाजिक कुरीतियों को मिटाना होगा. यज्ञ अनुष्ठान में संतों की वाणी से मन चित शांत होता है. इसके लिए यज्ञ अनुष्ठान जरूरी है. ये बातें श्री लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज ने कही. प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सामाजिक कुरितियां तेजी से फैल रही है. हम सभी को मिलकर सामाजिक कुरीतियां मिटाने की जरूरत है. उन्होंने असहायों को सहयोग, बड़े बुजुर्गों की सेवा एवं महिलाओं को सम्मान करने की बात कही. यज्ञ में जियर स्वामी जी महाराज के अलावे बक्सर एवं आरा के पीठाधीश्वर जगत गुरु रामानुजाचार्य संत श्री अयोध्या नाथ स्वामी जी महाराज एवं यज्ञ कर्ता श्री गोविंदाचार्य जी महाराज जी द्वारा प्रवचन किया जा रहा है. यज्ञकर्ता गोविंदाचार्य जी महाराज ने बताया कि गांव के नवनिर्मित मंदिर में मां देवी की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. इसके लिए अनुष्ठान आयोजित किया गया है. नौ मई को देवी प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत हवन व भंडारा के साथ अनुष्ठान संपन्न होगा. प्रतिदिन कथा वाचन के उपरांत वृंदावन की टीम द्वारा रासलीला व राम लीला का आयोजन किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है