हसपुरा.
जिले की बड़ी आबादी वाले हसपुरा प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधा चिंताजनक स्थिति में है. यहां का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दो एमबीबीएस डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है. ज्ञात हो कि हसपुरा शहर के अलावा आसपास के कनाप, भाव बिगहा, रतनपुर, रामपुर चाय, धरहाना सहित प्रखंड के विभिन्न गांवों के मरीज इलाज के लिए हसपुरा सीएचसी का ही सहारा लेते हैं. अस्पताल में चिकित्सिय सुविधा, तो है लेकिन चिकित्सकों की कमी से इलाज के लिए पहुंचने वाली लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जानकारी के अनुसार, दो एमबीबीएस चिकित्सक हैं, जिसमें एक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हैं. वैसे उन्हें हमेशा बैठकों से ही फुर्सत नहीं होती है. ऐसे में एक एमबीबीएस चिकित्सक ही व्यवस्था संभाल रहे हैं. हालांकि, अन्य आयुष चिकित्सक भी पदस्थापित है. दंत चिकित्सक, होमियोपैथी चिकित्सक, आयुर्वेद चिकित्सक भी इसमें शामिल हैं. बताया जाता है कि महिला चिकित्सक नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशानी प्रसव के दौरान महिलाओं को होती है. उन्हें नर्स के भरोसे ही रहना पड़ता है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों ने कई बार चिकित्सकों की पदस्थापना की मांग उठायी है, लेकिन अब तक ठोस पहल नहीं की जा रही है. यहां तक की पंचायत समिति की बैठक हो या बीस सूत्री क्रिन्यावयन समिति की बैठक, चिकित्सक की मांग का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है