मुख्य सड़क पर जगह-जगह जलजमाव, ग्रामीण बोले- गिनती नहीं गड्ढों की
गोह. गोह प्रखंड के भूरकुंडा गांव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क की हालत ऐसी हो गयी है मानो यह गड्ढों की कोई परियोजना हो. हल्की बारिश हुई नहीं कि सड़क बने पीच की परतों से उखड़ गयी और बने गड्ढे में पानी भर गया. सड़क का असली चेहरा तब दिखाई देता है जब बाइक या पैदल गुजरने वाला कोई ग्रामीण अचानक छपाक करता हुआ गड्ढे में जा गिरता है. ग्रामीणों के मुताबिक यह सड़क अब सड़क नहीं रही, बल्कि एक परीक्षण स्थल बन चुकी है, जिसमें हर गुजरने वाले को अपनी किस्मत और संतुलन की परीक्षा देनी पड़ती है. जगह-जगह बने गड्ढों में पानी भरने से गहराई का अंदाजा नहीं होता और लोग आये दिन गिरकर घायल हो रहे हैं. स्थानीय निवासी राम नरेश सिंह कहते है इस सड़क पर जितने गड्ढे हैं, शायद उतनी जनसंख्या नहीं होगी गांव की. वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि कई बार बच्चे कीचड़ से लथपथ होकर स्कूल पहुंचते हैं या बीच रास्ते से वापस लौट आते हैं. यह विडंबना ही है कि बारिश तो हल्की हो रही है, लेकिन लोगों की सहनशीलता की बाढ़ आ गयी है. जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, सड़क के किनारे न नाली है, न ढलान. ऐसे में हर गड्ढा एक छोटे पोखर में बदल जाता है. ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत प्रतिनिधियों और विभागीय अभियंताओं को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ.गड्ढा पहचानों प्रतियोगिता की तैयारी
आक्रोशित ग्रामीण अब व्यंग्यात्मक तरीके से विरोध करने की सोच रहे हैं. वे गड्ढा पहचानो प्रतियोगिता का आयोजन कर सड़क पर पोस्टर लगाकर सरकार को यह बताना चाहते हैं कि यहां विकास नहीं, केवल उपेक्षा का गड्ढा है. भूरकुंडा की सड़क सिर्फ एक मार्ग नहीं, एक उदाहरण है कि किस तरह योजनाओं की फाइलों में विकास तो होता है, पर जमीन पर केवल गड्ढे उभरते हैं. हल्की बारिश ने यह साफ कर दिया कि अभी भी ग्रामीण सड़कों पर चलना नहीं, जूझना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

