प्रशिक्षण के अंतिम दिन जैमिनी एप की दी जानकारी प्रतिनिधि, औरंगाबाद ग्रामीण. बारुण प्रखंड के केशव उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे समावेशी शिक्षा संभाग की ओर से संचालित नोडल शिक्षकों के द्वितीय चरण के तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के आखिरी दिन जैमिनी एप के बारे में बताया गया. बीआरपी लाल बहादुर ने प्रशिक्षण दिया और बताया कि शिक्षण कक्ष को रोचक बनाने के लिए जैमिनी एप का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह एप दृष्टि दिव्यांग बच्चों एवं श्रवण नि:शक्त बच्चों के लिए सहायक के रूप कार्य करता है तथा सामान्य बच्चों की कक्ष को इसके इस्तेमाल से रोचक बनाया जा सकता है. उसी प्रकार दिव्यांग छात्रों के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा विकसित प्रशस्त एप दिव्यांग बच्चों की शीघ्र पहचान और सहायता के लिए एक मोबाइल-आधारित स्क्रीनिंग टूल है. इसके प्रशिक्षण के बाद नोडल शिक्षक स्कूल स्तर पर दिव्यांग बच्चों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग करने में सक्षम हो पायेंगे. साथ ही 21 दिव्यागों की जांच, शिक्षकों को प्रशिक्षण, बहुभाषी उपलब्धता (23 भाषाओं में), और उचित संसाधनों के लिए छात्रों को निर्देशित कर पायेंगे. इससे समावेशी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. दिव्यांगता के कारण एवं निवारण पे चर्चा संसाधन शिक्षक राकेश कुमार ने की तथा आरपीडब्लूडी एक्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. शिक्षा विभाग के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी गंगाधर महतो ने कहा कि आप सभी नोडल शिक्षक अपने-अपने विद्यालय या पोषक क्षेत्र के दिव्यांग बच्चों की पहचान कर यू डायस में इंट्री प्रधान शिक्षक की मदद से करवाएं. साथ ही उन्हें अलग-अलग प्रकार की मिलने वाले भत्ते दिलवाएं. प्रखंड के लेखापाल कुश कुमार ने बताया कि जो भी शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं, वे अपने-अपने कार्य क्षेत्र में जाकर धरातल पे उतारते हैं, तभी इसकी उपयोगिता सिद्ध होगी. प्रशिक्षण में सुरेश कुमार गुप्ता, एकता यादव, नैंसी रुहेला, अजित कुमार, नीलम गौतम, सुरभि कुमारी, राम सिंह, कौशर फातमा, पूनम यादव, अनुपम कुमार, सुबोध कुमार सुमन, शाहिना सलीम, मंजीत कुमार, मोसीहन खातून, विनोद कुमार सिंह, चांदनी कुमारी, रागिनी पांडेय, अरुण कुमार, सरिता, सुनीता सिंह, कुमारी प्रियंका, सरिता सुमन, खुशबू, अमृता कुमारी व आलोक कुमार इत्यादि उपस्थित रहे.
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