औरंगाबाद/अंबा. औरंगाबाद में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. कहीं-कहीं सुबह हल्का कुहासा छा जा रहा है तो कभी आसमान में छिटपुट बादल दिखाई दे रहे हैं. इसी बीच दिन-प्रतिदिन तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. पछुआ हवा के कारण सुबह और शाम तेज ठंड महसूस होने लगी है, जबकि दिन में सुहानी धूप राहत दे रही है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस तथा बुधवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो अचानक बढ़ी ठंड का संकेत है. तापमान में आई कमी ने वातावरण को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है. ठंड का प्रतिकूल प्रभाव मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. सूर्यास्त के साथ ही कनकनी बढ़ जाती है. ठंडी हवा के कारण घरों के अंदर का तापमान भी तेजी से कम हो रहा है. मौसम विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि औरंगाबाद सहित पूरे प्रदेश में ठंड अब अपना तेज रूप दिखा सकती है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, विशेषकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल में सावधानी जरूरी है. ठंड बढ़ने से स्कूली बच्चों को सुबह स्कूल, कोचिंग व ट्यूशन जाने में परेशानी हो रही है. किसानों और खेतिहर मजदूरों को भी धान की कटाई व रबी फसलों की बुवाई प्रभावित होने की चिंता है.
सुबह-शाम गर्म कपड़ों का प्रयोग अवश्य करें
मौसम में हो रहे लगातार उतार-चढ़ाव के कारण सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. रेफरल अस्पताल कुटुंबा में इलाज कराने वाले मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. अंबा के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. रमेश कुमार मिश्र ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सुबह-शाम गर्म कपड़ों का प्रयोग अवश्य करें. ठंडे पानी का सेवन और स्नान करने से बचें. बच्चों व बुजुर्गों की विशेष देखभाल जरूरी है. इधर रेफरल अस्पताल कुटुंबा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नवल किशोर सिंह और डॉ सूचित कुमार पांडेय ने बताया कि मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. अगले कुछ दिनों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और बढ़ सकती हैं. अस्पताल में सर्दी-जुकाम, बुखार, उल्टी-दस्त, पेट दर्द और सिरदर्द के मरीज अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं.
पशुपालकों को भी सावधानी बरतने की जरूरत
जिला पशुपालन विभाग के वेटेनरी सर्जन डॉ कुमार शैलेंद्र ने कहा कि ठंड के मौसम में दुधारू पशुओं की विशेष देखभाल जरूरी है. रात में गौशाला के दरवाजे व खिड़कियां बंद रखें. पशुओं को रात में जूट की बोरी से ढककर सुरक्षित रखें. सुबह धूप में अवश्य रखें. उन्होंने कहा कि यदि पशु उदास दिखे या पागुर करना बंद कर दे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क कर उपचार कराएं.
क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि पछुआ हवा चलने से अभी अधिकतम और न्यूनतम तापमान में काफी अंतर दर्ज किया जा रहा है. आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है. पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों तक अधिकतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है. उन्होंने कहा कि सामान्यत: दिसंबर के अंत में अधिक ठंड पड़ती है, लेकिन इस बार नवंबर से ही ठंड बढ़ गयी है. यह कृषि के लिए लाभकारी है. अभी के मौसम में रबी फसल की बुवाई से बीज का अकुंरण अच्छा होता है और उत्पादन भी बेहतर होता है. हालांकि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, अकुंरण प्रभावित होने की संभावना रहती है.
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