अंबा. हडियाही बटाने दायां नहर संघर्ष समिति ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. इसके लिए कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र के भालूवाड़ी खुर्द महावीरगंज गांव में किसान मजदूर संघ की बैठक रविवार को हुई. किसान छेदी मेहता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आसपास दर्जनों किसान एवं मजदूर शामिल हुए. बैठक का संचालन रमेश पाल ने किया. अध्यक्ष ने कहा कि कई वर्षों से हम सभी नहर में पानी आने कि बाट जोह रहे हैं. सरकार से इसके लिए रुपये खर्च की गयी है़ परंतु, सरकार की लापरवाही व सही दिशा में प्रयास के बगैर आज भी हम सबों की खेती भगवान भरोसे होती है. बारिश नहीं होने पर फसल सूख जाते हैं. इससे लाखों का नुकसान होता है. नेता चुनाव आने पर हरियाही नहर पूर्ण करने की बात करते हैं, परंतु बाद में इसके लिए कोई सार्थक पहल नहीं की जाती है. इसके लिए हम सभी किसान मजदूर को एकजुट होने की जरूरत है. बैठक में नहर नहीं, तो वोट नहीं के प्रस्ताव पर सभी लोगों ने अपनी सहमति जतायी. इसके साथ ही नहर से सिंचित होने वाले सभी गांव में जगह-जगह पर बैनर लगाने व अगली बैठक महसू गांव में किये जाने का निर्णय लिया गया. विदित हो कि हडियाही सिंचाई परियोजना की शुरुआत कई दशक पूर्व हुई थी. परंतु, अब तक किसानों को खेतों में पानी नहीं मिल सका. सिंचाई सुविधा न होने के वजह से हर साल उनकी खेती मारी जाती है. इससे किसानों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. इस बार किसानों ने वोट नहीं देने का निर्णय लिया है. इसके लिए लगातार बैठक की जा रही है. धीरे-धीरे इस मुहिम में किसान- मजदूर बढ़ते जा रहे हैं. उपस्थित लोगों ने गांव -गांव में घूम कर इस मुहिम से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने का संकल्प लिया. विदित है कि इस दिशा में पहली बैठक कल्पवृक्ष धाम परता में आयोजित की गई थी. उक्त बैठक में एक दर्जन से भी कम किसान शामिल हुए थे. महज 10 दिनों में से जुड़े लोग गांव-गांव घूम कर किसानों को एकजुट करने में सफलता हासिल की. बैठक में किसान मजदूर की संख्या 30 से अधिक रही. इस मौके पर रामनारायण सिंह, उमेश सिंह, संजय कुमार वर्मा, गुप्तेश्वर मेहता, रामप्रवेश महतो, प्रमोद यादव, सुरेश पाल, योगेश यादव, रामप्रवेश यादव, राजकुमार भगत, बृजनंदन प्रजापति, राजेंद्र यादव, नरेंद्र कुमार राय, रमेश भगत, अजय कुमार भुइंया, चंदन कुमार पासवान, रंजीत कुमार, अरुण पाल, रामप्रसाद महतो आदि थे.
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