डीएम के जनता दरबार में कुरका के डीलर पुत्र पर लगाया गया आरापे, जमाबंदी का भी मामला छाया रहा औरंगाबाद नगर. शुक्रवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में जनता दरबार लगा. इसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये 24 परिवादियों ने अपनी-अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किया. प्रस्तुत आवेदनों में अतिक्रमण हटाने, दाखिल-खारिज, भूमि कब्जा, नल-जल योजना, अनुकंपा बहाली, आंगनबाड़ी सेविका बहाली में अनियमितता, सड़क, नाली एवं गली निर्माण, भूमि रैयतीकरण तथा शस्त्र अनुज्ञप्ति जैसी जनहित की अनेक महत्वपूर्ण समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आयी. जनता दरबार में रजवरिया कला, नवीनगर निवासी संतोष तिवारी ने शिकायत दर्ज करायी कि जमाबंदी रद्द होने के बावजूद विपक्षी के नाम से जमाबंदी चलायी जा रही है और सरकारी रसीद निर्गत की जा रही है. इसी प्रकार अंकोढ़ा, दाउदनगर निवासी ब्रजभान प्रसाद सिंह ने बताया कि उनके गांव में प्लॉट संख्या 514, 389 तथा 2131 पर दोहरी जमाबंदी कायम कर दी गई है जिससे गंभीर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कुटुंबा के डुमरा निवासी राम प्रसाद पाल ने भूमि का रैयतीकरण कराने की मांग रखते हुए बताया कि बिना रैयतीकरण के वे अपने वैध अधिकार से वंचित हो रहे हैं. भोपतपुर सिरिस निवासी नन्द किशोर मिश्र ने पितृपक्ष पुनपुन घाट पर अनधिकृत लोगों द्वारा दखलंदाजी किए जाने की समस्या उठाई और इसे रोकने की मांग की. देवकुंड निवासी जयराम शर्मा ने देवकुंड उच्च विद्यालय के साथ विवादित भूमि पर चल रहे अवैध निर्माण को तत्काल रोकने की आवश्यकता पर बल दिया. हसनपुरा, ओबरा निवासी हिमांशु रंजन एवं अन्य ग्रामीणों ने विद्यालय भवन निर्माण को लेकर उत्पन्न विवाद की शिकायत की. इसी क्रम में दाउदनगर नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 14 निवासी नसीम अख्तर ने कब्रिस्तान की भूमि पर अतिक्रमण और भूमि माफियाओं की गतिविधियों से शहर का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की संभावना पर चिंता व्यक्त की. सिलाड़कला देव निवासी मो रेलाहुद्धीन ने ग्राम कुरका के डीलर के पुत्र द्वारा लाभुकों से जबरन अंगूठा लगवाकर राशन न देने और योजनाओं का लाभ रोकने की शिकायत दर्ज कराई. सागरपुर, गोह निवासी अवधेश शर्मा ने अपने गांव में हो रहे अतिक्रमण के मामले को रखा. वहीं भलुहारा, देव निवासी बुधन यादव ने बताया कि मुखिया द्वारा नली-गली निर्माण कार्य में फेबर ब्लॉक का उपयोग नहीं किया गया है जिससे गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग गया है. इसके अतिरिक्त कई अन्य परिवादियों ने भी अपने आवेदन में गांव और कस्बों की सड़क, नाली, पुल तथा नल-जल आपूर्ति व्यवस्था की मरम्मत और सुधार की मांग रखी. डीएम ने सभी परिवादियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया.उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रत्येक आवेदन की निष्पक्ष जांच की जाएगी तथा निर्धारित समय-सीमा के भीतर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनहित से जुड़े मामलों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और प्रत्येक समस्या का निराकरण पारदर्शी तरीके से किया जाए ताकि जनता का प्रशासन पर विश्वास बना रहे.
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