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नवजात की मौत के बाद रफीगंज सीएचसी में हंगामा, इलाज में लापरवाही का आरोप

प्रशिक्षु डीएसपी सह रफीगंज थानाध्यक्ष दलबल के साथ सीएचसी पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर कराया शांत

प्रशिक्षु डीएसपी सह रफीगंज थानाध्यक्ष दलबल के साथ सीएचसी पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर कराया शांत

रफीगंज. बुधवार की सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रफीगंज में एक नवजात बच्चे की मौत के बाद हंगामा हो गया. नवजात की मौत की जानकारी मिलते ही परिजन की भीड़ सीएचसी पहुंच गयी. इसके बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर लोगों ने बवाल काटा. सूचना मिलते ही प्रशिक्षु डीएसपी सह रफीगंज थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार दलबल के साथ सीएचसी पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. जानकारी के मुताबिक मृत नवजात दशरथ बिगहा निवासी मो अफसर का पुत्र था, जो अस्पताल का ही चतुर्थवर्गीय कर्मचारी है. मृत बच्चे की मौसी शाहीन परवीन और वार्ड पार्षद प्रतिनिधि माहिद खान ने बताया कि सत्यम अस्पताल में सिजेरियन से बच्चे का जन्म हुआ था. मंगलवार को उक्त अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सील कर दिया गया. इसके बाद नवजात और उसकी मां को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रफीगंज में भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि जब यहां पर्याप्त सुविधा नहीं है तो बच्चे को बड़े अस्पताल में रेफर करना चाहिए था, लेकिन लापरवाही बरती गयी, जिससे नवजात की मौत हो गयी. आक्रोशित लोगों की मांग है कि जिम्मेदारी से भागने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रफीगंज के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. प्रशिक्षु डीएसपी अभिषेक कुमार ने बताया कि बच्चे की मौत के मामले में जांच की गयी है.

हंगामे में ट्विस्ट, एक और नवजात की मौत पर भी तनाव

इसी दौरान एक अन्य नवजात की मौत को लेकर भी बवाल करने की कोशिश की गयी. जानकारी के अनुसार किरण देवी नामक महिला के बच्चे की भी मौत हो गई थी. फेसर थाना क्षेत्र के परसडीह निवासी अशोक कुमार ने बताया कि मंगलवार की रात करीब आठ बजे उन्होंने अपनी पत्नी रेखा देवी को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था. लगभग तीन घंटे बाद पुत्र का जन्म हुआ, लेकिन उचित इलाज नहीं होने की वजह से उसकी मौत हो गयी. उन्होंने अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. इस मामले पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि बच्चे की मौत मां के गर्भ में ही हो गई थी और किसी तरह जच्चा की जान बचायी गयी. हालांकि, दोनों नवजातों की मौत के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, क्योंकि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया.

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