गोह. हसपुरा प्रखंड में इन दिनों चल रहे वोट बहिष्कार के आंदोलन का शिकार गोह विधायक को भी होना पड़ा. युवा आंदोलनकारियों का गुस्सा देख उन्हें अपना कार्यक्रम बदलकर वापस लौटना पड़ा. बुधवार को उन्हें अमझरशरीफ में एक पुलिया का उद्घाटन करना था, लेकिन कार्यक्रम स्थल से पहले ही सैकड़ों आंदोलनकारी युवा काले झंडे लेकर विरोध में नारे लगाते हुए बरैलीचक मोड़ पर खड़े हो गये. स्थिति को बिगड़ते देख विधायक ने अपने कुछ समर्थकों को वहां भेजा. विधायक के समर्थक आंदोलनकारियों से उलझ गये और धमकी देने लगे. इससे युवाओं का गुस्सा और बढ़ता चला गया. आलम यह हुआ कि विधायक भीम सिंह ने पुलिया का उद्घाटन नहीं किया और लौट गये.
क्या है विरोध का मामला
आंदोलन का कारण हसपुरा-देवकुंड रोड का जर्जर होना है. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुधीर सिंह ने कहा कि यह सड़क हसपुरा और देवकुंड के दर्जनों गांवों के लिए जीवनरेखा की तरह है. देवकुंड और अमझर शरीफ प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं. इसके बावजूद कई दशकों से सड़क की हालत ऐसी है कि पैदल चलना भी मुश्किल है. एंबुलेंस वाले इस रोड में आने से इंकार कर देते हैं. लोग इस रोड पर सफर से बचने के लिए दुगनी दूरी तय कर आवागमन करते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की सहनशक्ति अब जवाब दे चुकी है और दर्जन भर गांवों ने वोट बहिष्कार का ऐलान कर दिया गया है. साथ ही, यह भी तय किया है कि उन गांवों में किसी नेता को घुसने नहीं देंगे. दर्जन भर गांवों में चुनाव बहिष्कार के बैनर-पोस्टर ग्रामीणों ने लगा रखा है.नारेबाजी करते रहे आंदोलनकारी
हसपुरा और अमझरशरीफ के बीच बरैलीचक मोड़ पर आंदोलनकारी मंगलवार को दिन भर रोड नहीं तो वोट नहीं और नालायक नेता मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे. साथ ही, वे विरोध के रूप में काले झंडे भी लहरा रहे थे. इससे पहले आंदोलन के समर्थन में युवाओं ने रविवार को हसपुरा बाजार में रैली निकाली थी. आंदोलनकारियों ने वोट बहिष्कार के समर्थन में सोमवार को हसपुरा बंद का भी आह्वान किया है. आंदोलन में विकास कुमार, शाहबाज मिन्हाज, किशोर कुमार, बिजेत मौर्या, राहुल कुमार, दिलशाद अंसारी, आदिल अंसारी, अफजल, इश्तेयाक, नैयर, आसिफ, शहीद, भोलू, जावेद, अभय कुमार, रीतेश आदि सहित सैंकड़ों की संख्या में शामिल थे.धमकी का हो सकता है साइड इफेक्ट
आम मतदाताओं को विधायक के समर्थकों द्वारा जेल भेजवाने और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी आरजेडी के लिए भारी पड़ सकता है. अब तक इस आंदोलन के निशाने पर सभी नेता और राजनीतिक दल रहे हैं, परंतु, मंगलवार को विधायक के समर्थकों ने युवाओं के साथ जिस धमकी भरे लहजे में बातचीत की, उससे लोगों में आरजेडी के लिए नाराजगी बढ़ गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

