बारुण. रेलवे विद्युतीकरण परियोजना के अंतर्गत सोननगर में बन रहे पावर सब स्टेशन (टीएसएस) से करोड़ों रुपये के सामान चोरी होने का मामला थाना-क्षेत्राधिकार की खींचतान में फंस गया है. परियोजना प्रभारी अभिजीत इंगले बीते कई दिनों से शिकायत दर्ज कराने के लिए बारुण थाना और सोननगर जीआरपी थाना का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक मामले से संबंधित प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है. दोनों थाने इसे अपने-अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताकर जिम्मेवारी लेने से बच रहे हैं.
क्या है मामला
पावर सब स्टेशन के ट्रांसफार्मर के सामग्रियों की हुई चोरी की सूचना पर 16 अगस्त को जांच टीम जब सोननगर टीएसएस पहुंची तो पाया कि एक ट्रांसफार्मर से 25 हजार लीटर तेल और कॉपर बाइंडिंग वायर गायब है. ट्रांसफार्मर के भीतर टॉर्च और कटर भी मिले. चोरी की अनुमानित राशि करीब तीन करोड़ 50 लाख 30 हजार रुपये आंकी गयी. परियोजना प्रभारी अभिजीत इंगले ने बताया कि दिसंबर तक सोननगर टीएसएस को चालू किया जाना था, लेकिन इतनी बड़ी चोरी के बाद परियोजना को गहरा झटका लगा है. पहले बारुण थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की गयी, लेकिन पुलिस ने इसे जीआरपी का मामला बताकर आवेदन वहां भेज दिया. इधर, जीआरपी ने भी आवेदन लेने से इन्कार कर दिया. अब पीड़ित दोनों थानों के बीच भटक रहा है.नया कानून, पुरानी परेशानी
सरकार ने हाल ही में भारतीय न्याय संहिता लागू की थी, ताकि फरियादी थानों की सीमा विवाद में न फंसे और तुरंत शिकायत दर्ज हो. लेकिन इस प्रकरण ने साफ कर दिया है कि जमीनी स्तर पर अब भी फरियादी थानों की टालमटोल नीति का शिकार हो रहे हैं. पीड़ित का आरोप है कि पुलिस की उदासीनता अपराधियों का मनोबल बढ़ा रही है.क्या कहते हैं अधिकारी
सोननगर जीआरपी थानाध्यक्ष मुनेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि चोरी की घटना उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आती, क्योंकि टीएसएस अब तक रेलवे को हस्तांतरित नहीं हुई है. वहीं बारुण थानाध्यक्ष रंजीत कुमार का कहना है कि चोरी की घटना निर्माणाधीन टीएएस रेलवे भूमि की चहारदीवारी के भीतर हुई है, जो जीआरपी के अंतर्गत आता है. उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

