अंबा/नवीनगर. भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हर दिन किसी न किसी गांव में प्रशासन को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार को एक बार फिर नबीनगर प्रखंड अंतर्गत पाण्डेय कर्मा गांव में जमीन अधिग्रहण के करने पहुंची प्रशासन के टीम को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा. जानकारी के अनुसार नबीनगर अंचलाधिकारी निकहत प्रवीन व निर्माण कंपनी के अधिकारी पुलिस बल के साथ गांव में भूमि अधिग्रहण करने पहुंचे थे. जैसे ही इसकी सूचना किसानों को मिली तुरंत आसपास के दर्जनों किसान स्थल पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. किसानों का कहना था कि जब तक उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक वे एक इंच जमीन नहीं देंगे, चाहे इसके लिए जान ही क्यों न देनी पड़े. भारतीय किसान यूनियन के जिला संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह, वरिष्ठ किसान नेता नरेंद्र राय व राजकुमार सिंह आदि भी मौके पर पहुंच गये. किसानों ने न केवल जमीन पर कब्जा रोका, बल्कि ग्रेडर व अन्य मशीनों को भी एक इंच नहीं चलने दिया. जिला संयोजक बशिष्ठ प्रसाद ने बताया कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के अपर सचिव दीपक कुमार ने जिलाधिकारियों को भुमि अधिग्रहण में आ रही समस्यावों को लेकर पांच सदस्यीय समिति का गठन करने का निर्देश दिया है. समिति जमीन का सात प्रकार से वर्गीकरण कर नये सिरे से दर निर्धारण करेंगी, परंतु यहां के अधिकारी विभागीय सचिव के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे है. बताया कि इसी परियोजना अंतर्गत धनिबार के किसानों को मगध कमिश्नर ने प्रति डिसमिल 30620 रुपया का चार गुना मुआवजा दर तय किया है. सुप्रीम कोर्ट का एक परियोजना एक दर का आदेश है. इसका अनुपालन भी नहीं किया जा रहा है. राजकुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा सर्किल रेट से दर निर्धारण के बाद प्रतिवर्ष दस प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने की घोषणा की गई है.
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