अंबा/देव. अनुदानित शिक्षण संस्थान के शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में जुट गये हैं. इसके लिए शनिवार को सूर्य नारायण इंटर कॉलेज देव में एक बैठक आयोजित की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता उक्त कॉलेज के प्राचार्य सह अनुदान नहीं वेतनमान फोरम के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ने की. उन्होंने कहा कि अनुदान नहीं वेतनमान फोरम के तहत इस बार व्यापक तरीके से वित्त रहित स्कूल व कॉलेज के शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारी आंदोलन करने के मूड में हैं. इसके लिए अगले सप्ताह के मंगलवार यानी दो जुलाई को इसी महाविद्यालय में एक आवश्यक बैठक रखी गयी है. बैठक में फोरम के प्रांतीय संयोजक प्रो रौशन कुमार तथा मगध व शाहाबाद प्रक्षेत्र के रीजनल को-ऑर्डिनेटर प्रो विजय चौबे व प्रो शिवकुमार पाठक शामिल होंगे. उनके दिशा निर्देश में हीं आंदोलन की अगली रणनीति तैयार की जायेगी. उन्होंने बताया कि जिस समय सरकार के पास शैक्षणिक संसाधन का घोर अभाव था. मैट्रिक पास करने के बाद बच्चे पढाई छोड़ देते है. स्कूल कॉलेज की काफी कमी थी. ऐसे विपरीत परिस्थिति में वित्त रहित शिक्षको ने सिर्फ शिक्षा अलख हीं नहीं जगाया, बल्कि अपनी ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन कर शिक्षको ने मिशाल पेश की है.
कई दशक से नियमित सेवा देते आ रहे हैं शिक्षकेतर कर्मचारी
जिला संयोजक श्री सिंह एवं जनता इंटर कॉलेज लभरी परसावां के प्रोफेसर सह उप संयोजक ने बताया कि अनुदानित कॉलेज एवं स्कूल के शिक्षक तथा कर्मी विगत्त कई दशक से नियमित रूप से सेवा देते आ रहे हैं. इससे शैक्षणिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है. जरूरत पड़ने पर सरकार हम सब की सेवा परीक्षा ड्यूटी एवं कॉपी के मूल्यांकन में भी लेती रही है. वेतन नहीं मिलने से आज भी अनुदानित कॉलेज के शिक्षक व कर्मी भुखमरी के कगार पर हैं. इसके लिए सभी को पूरी तरह से एकजुट होने की जरूरत है. उक्त बैठक में राष्ट्रीय किसान कॉलेज पौथु, विश्व रतन इंदिरा गांधी महाविद्यालय दाउदनगर, रामशरण सिंह यादव कॉलेज देवकुंड, देवधारी महाविद्यालय इंटवा हसपुरा, रामदेव सिंह सैनिक महाविद्यालय हसपुरा, जनता महाविद्यालय लभरी परसावां समेत जिले के सभी अनुदानित स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकों एवं कर्मियों को भाग लेने का आवाह्न किया है.
ये हैं कर्मियो की मुख्य मांगें
जिला संयोजक एवं उप संयोजक ने बताया कि हमारी मुख्य मांग अनुदान नहीं वेतनमान चाहिए है. इसके साथ हीं पूर्व के बकाया अनुदान की राशि का एक मुश्त भुगतान किया जाये. रिटायर्ड कर्मियों की उम्र सीमा बढ़ाने तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाये. प्राध्यापकों ने बताया कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया जायेगा. यदि इसके बावजूद सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो हम सभी सड़क से लेकर सदन तक प्रदर्शन करेंगे. वितरहित शिक्षकों को वेतनमान देने के लिए शिक्षा समिति की अनुशंसा को लागू नहीं किये जाने तथा वेतन पेंशन देने के लिए पटना हाईकोर्ट के न्यायादेश का पालन बिहार सरकार द्वारा नहीं किये जाने से शिक्षाकर्मियों काफी निराशा है. मौके पर दर्जनों की संख्या में प्रोफेसर व कर्मी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

