दाउदनगर. 20 दिनों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. खासकर नगर पर्षद क्षेत्र में 20 दिनों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्र की भी है. प्रखंड कार्यालय व नगर पर्षद दोनों कार्यालयों को मिलाकर 160 से भी अधिक आवेदन लंबित पड़े हैं. सूत्रों से पता चला कि इसका कारण बिहार सरकार का नया आदेश है. नये आदेश के अनुसार 31 दिन से एक वर्ष के भीतर का जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी का आदेश लेना होगा, जबकि एक वर्ष बाद का जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए एसडीओ सह अनुमंडल दंडाधिकारी का आदेश लेना होगा. विलंब शुल्क में भी वृद्धि कर दी गयी है. 30 दिन और एक वर्ष के भीतर 50 रुपये विलंब शुल्क के साथ और एक वर्ष से अधिक होने की स्थिति में 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ अब पंजीकृत किया जा रहा है. अगर नगर पर्षद क्षेत्र का देखा जाये, तो यह शुल्क कार्यालय शुल्क मिलकर क्रमशः 70 रुपये और 150 रुपये हो जायेंगे.
नगर पर्षद कार्यालय में 80 आवेदन लंबित पड़े
नगर पर्षद सूत्रों से पता चला कि 30 जून को जिला सांख्यिकी कार्यालय से आदेश निर्गत हुआ है. तब से अब तक लगभग 80 आवेदन नगर पर्षद कार्यालय में लंबित पड़े हैं. चूंकि अधिकांश आवेदन 30 दिन से अधिक और एक वर्ष से भीतर तथा एक वर्ष के बाद के ही आ रहे हैं. बीडीओ मो जफर इमाम ने बताया कि अधिकांश आवेदन एक वर्ष से अधिक समयावधि वाले मिले थे, ऐसे 84 आवेदन आदेश के लिए अनुमंडल कार्यालय में भेजा गया है. वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि नई प्रक्रिया के कारण इसमें लोगों को कठिनाई हो रही है. हालांकि, 30 दिन के अंदर का जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया सरल होने के कारण किसी को कोई अधिक परेशानी नहीं हो रही है.
पहले क्या थी प्रक्रिया
नप कार्यालय से पता चला कि पहले यह प्रक्रिया थी कि शहरी क्षेत्र के किसी व्यक्ति को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कार्यालय के माध्यम से आवेदन जमा करना पड़ता था. आवश्यक जांच व अनुशंसा के बाद यह आवेदन बीडीओ के पास चला जाता था. बीडीओ के आदेश के बाद प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता था. वहीं, दूसरी ओर प्रखंड कार्यालय से भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया लगभग इसी प्रकार की थी. हालांकि, सरकार द्वारा अब पंचायत स्तर पर भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था कर दी गयी है, लेकिन नयी व्यवस्था के तहत आदेश के बाद ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत होंगे.सरल बनाने की जगह कठीन बना दी गयी प्रक्रिया
नप के वार्ड पांच के पार्षद बसंत कुमार ने कहा कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे प्रमाण पत्र बनाने के लिए जहां प्रक्रिया को सरल बनाना बनाया जाना चाहिए था, वहीं थोड़ा कठिन बना दिया गया है. इसके लिए आवेदन जमा करने में शपथ पत्र बनवाने समेत कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. इसमें लोगों का समय भी लगता है. इससे आम लोग परेशान हैं.आम जनता को किया जा रहा परेशान
भाजपा जिला प्रवक्ता अश्विनी कुमार तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी वर्ष में नई नियमावली बनाने वाले पदाधिकारी द्वारा आम जनता को परेशान करने का काम किया जा रहा है. वे डीएम और एसडीओ से बात कर प्रक्रिया को और सरल बनाने की मांग करेंगे. एक जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में एक गरीब व्यक्ति का कम से कम एक सप्ताह का समय लग सकता है. वे पार्टी फोरम के माध्यम से इस समस्या को सरकार और संबंधित मंत्री तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार की मंशा आम जनता के कार्यों को सुगम बनाने की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

