औरंगाबाद कार्यालय. मदनपुर प्रखंड कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में एक बच्ची की मौत व 28 छात्राओं को बीमार पाये जाने के मामले में कार्रवाई होती दिख रही है. इस घटना में शिक्षा विभाग की लापरवाही की चर्चा हो रही है. अब जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. डीएम ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जिसमें अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, वरीय उप समाहर्ता रतना प्रियदर्शी, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक प्रियंका कुमारी को शामिल किया गया हैं. डीएम ने जांच टीम को स्पष्ट निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट समर्पित करें. सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी भोला कर्ण को भी निर्देश दिया गया है कि वे जांच समिति को पूर्ण सहयोग करें. ज्ञात हो कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की एक छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. घटना के दूसरे दिन मदनपुर मुख्यालय में परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया था. चार घंटे तक सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था. कस्तूरबा गांधी विद्यालय के वार्डन सहित अन्य लोगों के साथ मारपीट हुई थी. विद्यालय पर पथराव भी हुआ था. इस मामले में दो अलग-अलग प्राथमिकी मदनपुर थाना में दर्ज करायी गयी. एक प्राथमिकी मृतका के परिजन और दूसरी प्राथमिकी प्रशासन की ओर से बवाल के मामले में दर्ज करायी गयी थी. कई लोगों को आरोपित बनाया गया था. बवाल में शामिल दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया.
28 छात्राओं की बीमारी, विभागीय लापरवाही का परिणाम
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के मामले को शिक्षा विभाग द्वारा दबाने की भरपूर कोशिश की गयी, लेकिन जब छात्रा की मौत हो गयी तो सारी गतिविधियों पर पानी फिर गया. 28 छात्राओं को बीमार होने का मामला मीडिया से भी छिपाया गया. अब जांच टीम गठित हुई तो बीमार बच्चों का मामला भी उजागर हो गया है. 18 अगस्त को उक्त बच्ची की मौत हुई थी और 28 छात्राएं बीमार पायी गयी थी. इस घटना के पीछे विद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर करता है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कस्तूरबा विद्यालय की समय-समय पर जांच व निरीक्षण भी नहीं की जाती है, जबकि विभागीय आदेश है कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय की व्यवस्थाओं व समस्याओं को जानने के लिए जांच करना अति आवश्यक है. छात्रा की मौत और छात्राओं को बीमार पड़ने के पीछे कई कारण है. चर्चा है कि न स्वच्छता पर ध्यान दिया गया और न रख-रखाव पर. अब देखना यह है कि क्या कार्रवाई होती है. वैसे भी शिक्षा विभाग अपनी कारगुजारियों से सुर्खियों में बने रहने के आदि हो गया है.
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