दाउदनगर. भगवान प्रसाद-शिवनाथ प्रसाद बीएड कॉलेज में 15वीं उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2025 बीएड सत्र 2025-27 का आयोजन किया गया. इसमें नवागंतुक छात्रों का स्वागत किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन एसडीओ अमित राजन व अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के पूर्व संकायाध्यक्ष ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी ने कहा कि आप शिक्षक बनने जा रहे हैं. इस बात का ध्यान रखें कि आप जितने बड़े शिक्षक हों, आपके लिए हर कक्षा एक चुनौती है. स्वाध्यायी बनें. समाज में जिस बात की निंदा नहीं होती, वही कार्य करना चाहिए. शिक्षक एक ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण करता है, जिसमें समझ हो. उन्होंने कहा कि अब की परंपरा में लोगों ने समझना बंद कर दिया है और रटना जानते हैं. आपको यह जानना जरूरी है कि शिक्षा में क्या नयापन आया है. शिक्षण एक प्रवृत्ति, एक वृत्ति है, इसलिए परिवर्तन को जानना जरूरी है. जब तक अपना मन मिजाज नहीं खोलिएगा, तब तक अपने काम में आगे नहीं बढ़ेंगे. इस बात को जानें कि पढ़ा हुआ कभी बेकार नहीं जाता. आप शिक्षक बनने जा रहे हैं तो यह जानना होगा कि जिस समाज का बच्चा नचिकेता का वंशज है, उसे आप शिक्षा देने जा रहे हैं. बच्चों के स्वभाव और उनकी क्षमता को जानें सीखने के लिए समझ होना जरूरी है. प्राचार्य डॉ अमित कुमार ने अनुशासन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में अनुशासित बनें. जीवन में आगे बढ़ाने के लिए अनुशासित होना जरूरी है. मौके पर व्याख्याता अनूप कुमार कनौजिया, रामचंद्र यादव, निशांत कुमार, सत्या कुमारी, विनोद कुमार सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे. छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की गयी. कार्यक्रम का संचालन छात्रा नाहिद और तनु ने किया.
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