दाउदनगर. दाउदनगर को जिला बनाये जाने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. यूं कहे कि बची-खुची उम्मीदें अब धूमिल होती दिख रही है. ज्ञात हो कि अनुमंडलवासियों द्वारा दाउदनगर को जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. समय-समय पर इसकी मांग कई स्तर पर उठायी जाती रही है. नगर पर्षद बोर्ड की बैठक में भी इस आशय से संबंधित प्रस्ताव पारित कर बिहार सरकार को भेजने का निर्णय लिया जा चुका है. विधानसभा में भी यह मामला उठ चुका है. लेकिन, नगर पर्षद बोर्ड की बैठक में लिये गये प्रस्ताव की प्रतिलिपि समाहरणालय को नहीं भेजी गयी है. इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत हुआ है. जनहित मंच के अध्यक्ष व शहर के वार्ड नौ निवासी श्रीनिवास ने सूचना के अधिकार के तहत डीएम से नगर पर्षद दाउदनगर बोर्ड से पारित प्रस्ताव व जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्र के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा दाउदनगर को जिला बनाने के लिए उठाये गये कदम से संबंधित प्रतिवेदन की मांग की थी. जिला सामान्य शाखा के प्रभारी पदाधिकारी की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि दाउदनगर अनुमंडल को जिला बनाने से संबंधित कोई पत्र इस कार्यालय को अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. पदाधिकारी ने पत्र में बताया है कि नगर पर्षद दाउदनगर बोर्ड से पारित प्रस्ताव व जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्र इस कार्यालय को उपलब्ध कराया जाये, ताकि अग्रेतर कार्रवाई की जा सके. इधर, एक वार्ड पार्षद ने बताया कि तीन दिसंबर 2019 को ही दाउदनगर को जिला बनाने की मांग का प्रस्ताव पारित करते हुए प्रस्ताव की प्रतिलिपि बिहार सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया था. इस मामले को विधानसभा में भी कई बार उठाया जा चुका है. वर्तमान विधायक ऋषि कुमार द्वारा भी गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से दाउदनगर को जिला बनाने की मांग की गयी थी. इस मामले पर कई जन प्रतिनिधियों से अलग-अलग राय ली गयी.
दाउदनगर को जिला नहीं बनना दुर्भाग्य
वार्ड पांच के पार्षद, जनहित मंच के सचिव व पूर्व स्टैंडिंग कमेटी सदस्य बसंत कुमार का कहना है कि दाउदनगर अनुमंडल जिला बनने का सभी अहर्ता रखता है, बावजूद जिला नहीं बनना दुर्भाग्यपूर्ण है. हम नगर पर्षद दाउदनगर के पार्षदगण बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये थे, लेकिन कार्यालय द्वारा संबंधित विभाग में पत्र नहीं जा सका है. सांसद, विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधियों को दाउदनगर को जिला बनाने के लिए आगे बढ़कर पहल करना चाहिए. दाउदनगर जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सर्वदलीय जनप्रतिनिधियों व आम नागरिकों को जिला बनाने की लेकर विधान सभा चुनाव में मुद्दा बनाना चाहिए.
कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया : मुख्य पार्षद
नगर पर्षद दाउदनगर के मुख्य पार्षद अंजलि कुमारी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उनके कार्यकाल में दाउदनगर को जिला बनाने से संबंधित कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है. भविष्य में प्रस्ताव लाया भी जा सकता है.
डीएम को लिखेंगे पत्र : विधायक
ओबरा विधायक ऋषि कुमार ने कहा कि उन्होंने दाउदनगर को जिला बनाने का मामला बिहार विधानसभा में गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से उठाया था, जिसका जवाब भी डीएम के माध्यम से ही आया था. अब वे जल्द ही डीएम को पत्र लिखेंगे. सभी जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि अपने-अपने स्तर से डीएम को पत्र लिखें. नगर पर्षद द्वारा भी प्रस्ताव पारित कर जल्द से जल्द भेजा जाना चाहिए.
दाउदनगर को जिला बनना चाहिए : सांसद
काराकाट सांसद राजाराम सिंह ने कहा कि शायद नगर पर्षद में इसलिए प्रस्ताव नहीं भेजा होगा कि पता नहीं हम सक्षम है या नहीं हैं. उसी तरह से जिला बनाने का मामला स्टेट से जुड़ा हुआ है. दाउदनगर जिस तरह का ऐतिहासिक जगह है, आबादी का घनत्व जिस प्रकार से बढ़ता जा रहा है तो नीचे तक प्रशासनिक पहुंच के लिए आवश्यक है कि दाउदनगर अनुमंडल को जिला में तब्दील किया जाये. वैसे, भी औरंगाबाद जिला बहुत बड़ा है. उन्होंने अपनी तरफ से डेहरी को भी जिला बनाने की मांग का समर्थन किया है. दाउदनगर को जिला बनना चाहिए. यह सिंचित क्षेत्र है. कृषि प्रधान इलाका है. नहरी इलाके का सेंटर है. बहुत पुराना इतिहास है. यहां का इतिहास उतना पुराना है, जितना पुराना कोलकाता है. बतौर सांसद ने दाउदनगर को जिला बनाने के लिए डीएम को भी पत्र लिखेंगे.
दाउदनगर को जिला बनाने के लिए दिये जाते हैं कई तर्क
दाउदनगर को जिला बनाने की मांग को लेकर जिला बनाओ संघर्ष समिति द्वारा लगातार इस मुद्दे को उठाया गया है.हस्ताक्षर अभियान से लेकर धरना कार्यक्रम किया जा चुका है. मुख्यमंत्री को मांग पत्र भी सौंपा गया था. दाउदनगर को जिला बनाने के पीछे कई तर्क दिये जाते हैं. दाउदनगर नगरपालिका की स्थापना 1885 में हुई थी .यहां अनुमंडल कार्यालय ,अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय,अग्निशमन सेवा, रेलवे आरक्षण केंद्र ,पथ निर्माण विभाग ,सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग समेत कई विभागों का जिला स्तरीय कार्यालय,डायट शिक्षण संस्थान के अलावे कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थान व अन्य कार्यालय अवस्थित हैं. काराकाट लोकसभा क्षेत्र का गोह व ओबरा विधान सभा क्षेत्र दाउदनगर अनुमंडल में है. ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक इतिहास रहा है.यहां का इतिहास वैदिक काल के पूर्व से है. दाउदनगर में दाऊद खां का ऐतिहासिक किला है. शमशेर नगर में शमशेर खान का मकबरा है. देवकुंड में च्यवनाश्रम है. अमझर शरीफ में महत्वपूर्ण धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल है. गोह प्रखंड में भी कई धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल स्थित है. दाउदनगर का सिपहां जल ऊर्जा से लघु उद्योग स्थापित करने का प्रेरणा स्रोत है .दाउदनगर के ऐतिहासिक धरती चौरम में एक आश्रम स्थित था, जहां 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आगमन हुआ था. आजादी की लड़ाई में इस अनुमंडल के वीर सपूतों का अमूल्य योगदान रहा था. शहीद जगतपति कुमार की शहादत कभी भुलाई नहीं जा सकती. राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष भी इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया जाता रहा है. मांगे तो उठती रही हैं, लेकिन उठने के साथ ही वहीं पर दबकर रह जाती है. इसके बाद कुछ दिनों बाद चर्चा तक नहीं दिखती.
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