मदनपुर.
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मदनपुर में गया की एक छात्रा की मौत का मामला तूल पकड़ लिया. मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग करते हुए एनएच -19 को लगभग चार घंटे तक जाम रखा. सड़क जाम की सूचना पर बीडीओ डॉ अवतुल्य कुमार आर्य, सीओ अकबर हुसैन, थानाध्यक्ष राजेश कुमार, बीअओ संजीव कुमार दल बल के साथ पहुचे और आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. लेकिन ग्रामीण नही माने. यही नहीं आक्रोशितों ने कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में घुसकर तोड़ फोड़ की. आदेशपाल सुनीता कुमारी, रसोइया रंजू देवी व मीना देवी के साथ मारपीट की. इस घटना में उक्त तीनों महिला कर्मचारी घायल हो गयी. आक्रोशितों ने विद्यालय पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. थाना गेट पर भी हंगामा किया.समय पर शव नहीं सौंपने का आरोप
मृतका के पिता शिवकुमार भुइंया ने कहा कि उन्हें सोमवार की रात सूचना मिली कि उनकी बेटी की मौत अचानक तबीयत बिगड़ने से हो गयी है. इसकी सूचना पीताम्बरा गांव निवासी व मृतका के रिश्तेदार श्रीकांत भुइंया को किसी तरह मिली. उस वक्त वे पटना में थे. शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने बिना किसी परिजन को सूचना दिये पोस्टमार्टम के लिए शव औरंगाबाद भेज दिया. उन्हें उनकी बेटी का शव भी नहीं मिल पाया. छात्रा के मौसा श्रीकांत भुइंया को सूचना दी गयी थी कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है. लेकिन वह सदर अस्पताल नहीं पहुंचे. इधर, सैकड़ों ग्रामीणों ने शव व मुआवजे की मांग को लेकर लगभग चार घंटे तक सड़क जाम कर नारेबाजी की. बेकाबू भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने हलका बल प्रयोग किया, जिसके बाद भीड़ तीतर-बीतर हो गयी. पदाधिकारियों ने परिजनों से बात कर उनकी मांग बताने को कहा लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. सड़क जाम होने से आवागमन पूरी तरह बाधित रहा.
एसडीओ ने मामला कराया शांत
इधर सड़क जाम व प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसडीओ संतन कुमार सिंह, सदर एसडीपीओ-दो चंदन कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार, सलैया थानाध्यक्ष कन्हैया शर्मा दल बल के साथ पहुंचे और आक्रोशितों को समझा-बुझाकर शांत कराया. शव नही मिलने के आरोप पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि घटना की सूचना छात्रा के परिजनों को दी गयी थी.रात भर शव को ले जाने के लिए उनका इंतजार करते रहे लेकिन, कोई नहीं आया. अंततः शव को वे लोग अपने यहां एम्बुलेंस मे रखे रहे. परिजन देर से पहुंचे तो शव उन्हें सौंपने की कोशिश की गयी तो सैकड़ों लोग सड़क पर उतरकर अराजकता फैलाने लगे और तोड़फोड़ की. यहां तक कि मारपीट भी की. बीडीओ अवतुल्य कुमार आर्य ने बताया कि उनकी मांगों को सुना गया और उसे पुरा करने के लिए आश्वासन भी दिया गया. ज्ञात हो कि मृतका नेहा कुमारी (11) गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र के खरदाग गांव निवासी शिवकुमार भुइंया की पुत्री थी. वहां के बीडीओ से भी उचित मुआवजे को लेकर बात की गयी है. लेकिन, लोग मानने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद आक्रोशित लोग थाना गेट पहुंचकर हंगामा करने लगे. शव को उन्हें जब सौंपा गया तो वे लोग शव को गेट पर रखकर हंगामा करने लगे और नारेबाजी की. पुलिस के समझाने के बाद भी लोग नही माने. पुलिस को गलियां देने लगे तो पुलिस ने हलका बल प्रयोग किया जिसके बाद लोग शांत हो गये और परिजन शव को लेकर अपने घर चले गये. थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि कस्तूरबा विद्यालय की ओर से आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है आवेदन प्राप्त होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगीमौत के कारणों पर अलग-अलग अफवाह
छात्रा की मौत होने के बाद अलग-अलग अफवाहे उड़ने लगी.धीरे-धीरे यह मामला तूल पकड़ लिया, जिसके बाद सड़क पर आक्रोश दिखा. हालांकि, अधिकारियों ने तमाम अफवाहों पर विराम लगा दिया. अंतत: परिजन शव लेकर घर चले गये. बड़ी बात यह है कि घंटों सड़क जाम, तोड़फोड़ और मारपीट के मामले में आगे कौन सी कार्रवाई होती है यह प्रशासन के अधिकारी ही बता सकते है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

