दाउदनगर. दाउदनगर शहर में हृदय विदारक घटना हुई है. नगर पर्षद के निर्माणाधीन नाले का सरिया शरीर में घुसने से एक बैंक कर्मी की मौत हो गयी. घटना मंगलवार की सुबह की है.स्थानीय लोगों ने उन्हें घायल अवस्था फंसे हुए सरिया से बाहर निकाला. कपड़े से उनके पेट को बांधा, ताकि रक्तस्राव कम हो. इसके बाद उन्हें अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया. इसी बीच उन्हें पहचानने वालों ने एक्सिस बैंक के अधिकारियों को फोन कर दिया. बैंक के कई अधिकारी और कर्मी भी मौके पर पहुंचे. अनुमंडल अस्पताल से उन्हें बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. इसके बाद अरविंद हॉस्पिटल ले जाया गया, वहां के चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. लोग पुनः लेकर उन्हें अनुमंडल अस्पताल पहुंचे, जहां पुलिस पहुंची और अग्रेतर कार्रवाई करते हुए मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. घटना की सूचना उनके परिजनों को दे दी गयी. घटना की जानकारी मिलते ही एक्सिस बैंक के स्थानीय शाखा प्रबंधक पंकज प्रभाकर समेत सभी बैंक कर्मी पहुंचे. शाखा प्रबंधक ने बताया कि घटना की सूचना बैंक के वरीय पदाधिकारियों को दी गयी है. वे लगभग दो वर्षों से दाउदनगर में पदस्थापित थे और उनका कार्यकाल काफी सराहनीय था. जिला पर्षद अध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेश यादव अनुमंडल अस्पताल में पहुंचे और उन्होंने सभी कागजी कार्य पूर्ण करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ठाकुर चंदन सिंह को कहा. पूर्व उपमुख्य पार्षद कौशलेंद्र कुमार सिंह, पार्षद डॉ केदारनाथ सिंह, भाजपा नगर अध्यक्ष श्याम पाठक, भास्कर तिवारी समेत कई लोग अनुमंडल अस्पताल पहुंचे और घटना पर दुख जताया.
स्थानीय लोगों ने भी जताया रोष
घटना के करीब तीन घंटे बाद भी मृतक का कपड़ा उसी स्थल पर गिरा हुआ दिखा. बाइक भी वहीं पर लगी हुई थी. खून के निशान भी दिख रहे थे. स्थानीय लोगों में रोष देखने को मिला. लोगों का कहना था कि नगर पर्षद द्वारा काफी दिनों से गड्ढा खोदकर एक हिस्से को छोड़ दिया गया है. चार दिनों से काम भी बंद था. नाला के गड्ढे से बांधे गये सरिया का जो हिस्सा निकला हुआ था, उसके शरीर में घुसने से बैंक कर्मी की मौत हुई है. नाला का गड्ढा खोदने के बाद कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं किये गये थे. काफी चौड़ा गड्ढा खोद दिया गया है. न तो चेतावनी सूचक बोर्ड लगाया गया, न बैरिकेडिंग करायी गयी और न सुरक्षा का कोई पुख्ता प्रबंध किया गया है. लोग इसके लिए सीधे नगर पर्षद की लापरवाही को जवाबदेह ठहरा रहे थे. रविवार व सोमवार को ही मुहर्रम का जुलूस इसी इलाके से होकर गुजरा था, जिसमें काफी भीड़ भी थी. स्थानीय लोगों का कहना था कि. करीब नौ–10 महीने से रिंग रोड के निर्माण के नाम पर शहर की यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त कर दी गयी है. पीसीसी और नाला निर्माण के कारण ट्रैफिक व्यवस्था अस्त व्यस्त है. विकास कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते रहे हैं नाला बनाने के लिए लंबी दूरी तक गड्ढा खुदवा कर कई दिनों तक छोड़ दिया जाता है.रंजन के चचेरे भाई ने कराया केस दर्ज
घटना के संबंध में मृतक के चचेरे भाई नितिन कुमार पांडेय ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें कहा गया है कि रंजन पांडेय अपने किराये के मकान बम रोड से दुर्गा क्लब के सामने स्थित लॉन्ड्री में कपड़ा लाने गये थे. निर्माणाधीन नाले में गिरने के दौरान बाये पंजरे में छड़ घुसने के कारण इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. निर्माणाधीन नाले में न बैरकेडिंग था और न ही कोई सूचना पट्ट था. बारिश होने के कारण मिट्टी ढीला होने के कारण ही निर्माणाधीन नाले में गिरने और बायें पंजरे में घुसने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी है. इसमें आरोप लगाया गया है कि नगर पर्षद की लापरवाही से यह घटना हुई है. इसमें घोर लापरवाही नगर पर्षद दाउदनगर के अध्यक्ष, कार्यपालक पदाधिकारी और संवेदक की है. थानाध्यक्ष विकास कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.क्या कहते हैं इओ
कार्यपालक पदाधिकारी ऋषिकेश अवस्थी का कहना है कि मुहर्रम को देखते हुए नाला निर्माण का कार्य दो-तीन दिन रोक दिया गया था और रोड किनारे की मिट्टी हटवा दी गयी थी, ताकि आवागमन में बाधा न हो. अन्यथा इस नाले का ढलाई कार्य हो गया होता. रिबन भी लगा हुआ था. यह आकस्मिक घटना हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

