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Aurangabad News : भरथौली स्टेट की जमीन की अवैध जमाबंदी करने वाले सीओ व राजस्व कर्मचारी पर केस दर्ज

Aurangabad News: अंचल के डाटा ऑपरेटर भी बना आरोपित, डीएम के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम ने की जांच, नये सीओ ने दर्ज करायी प्राथमिकी

औरंगाबाद कार्यालय. भरथौली स्टेट की जमीन को बिना जांच-पड़ताल किये फर्जी तरीके से किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. बड़ी बात यह है कि डीएम श्रीकांत शास्त्री के आदेश पर गठित दो सदस्यीय टीम ने मामले की गंभीरता से जांच की और फर्जीवाड़ा पाये जाने के बाद कार्रवाई शुरू की. अंतत: नगर थाने में सदर अंचल के तत्कालीन सीओ अरुण कुमार सिंह, राजस्व कर्मचारी दीपक कुमार और डाटा ऑपरेटर गौरव कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. वर्तमान सीओ अनुज कुमार ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. जानकारी के अनुसार, भरथौली स्टेट की जमीन को अवैध रूप से जमाबंदी करने के मामले में मथुरा प्रसाद सिंह के पुत्र दीपक कुमार और गोविंद नारायण सिंह के पुत्र सिद्धार्थ सिंह ने फर्जीवाड़ा से संबंधित ध्यान डीएम को आवेदन के माध्यम से दिलाया. डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सदस्यीय जांच टीम गठित की. जांच टीम ने तत्कालीन सीओ के साथ राजस्व कर्मचारी व डाटा ऑपरेटर की भूमिका को पूरी तरह संदिग्ध पाया. जांच टीम ने स्पष्ट किया कि सीओ सहित तीनों कर्मचारियों ने गलत मंशा से अल्प अवधि में परिमार्जन प्लस पर ऑनलाइन जमाबंदी करने के लिए निबटारा किया. यह सोची-समझी साजिश है. परिवादी की भूमि को एक साजिश के तहत किसी अन्य व्यक्ति के नाम से ऑनलाइन जमाबंदी किया गया. नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार ने बताया कि सीओ अनुज कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

छह अगस्त को आवेदन, आठ को कर्मचारी रिपोर्ट व डिस्पोजल

अंचल कार्यालय में परिमार्जन प्लस व जमाबंदी के लिए भूमि मालिक महीनों से दौड़ लगा रहे है. कभी सर्वर डाउन तो कभी साहब की छुट्टी, कभी साहब की मिटिंग, डाटा ऑपरेटर की अनुपस्थिति, राजस्व कर्मचारी की जांच तो कभी किसी अन्य बहाना के माध्यम से लोगों को परेशान किया जा रहा है. ठीक दूसरी तरफ अपना काम साधने व लाभ कमाने के लिए साहब और कर्मचारी दो से तीन दिन के भीतर कठिन से कठिन काम को भी आसान बना दे रहे है. इसका उदाहरण भरथौली स्टेट की जमीन की दोहरी जमाबंदी है. जानकारी के अनुसार राजस्व कर्मचारी दीपक कुमार ने खात नंबर चार में 23.97 एकड़ भूमि का अवैध जमाबंदी गया निवासी मो अमीनुद्दीन खां के नाम पर जमाबंदी संख्या 54/23 के रूप में कर दिया. इसके अलावा जसोइया मौजा में भी 4.39 एकड़ भूमि की जमाबंदी अवैध रूप से 57/23 के रूप में किया गया. उक्त भूमि भरथौली स्टेट की रैयत है. बड़ी बात यह है कि सिर्फ तीन दिन के भीतर इसे अंजाम दिया गया. छह अगस्त को जमाबंदी से संबंधित आवेदन दिया गया. इसी दिन सीओ को भेजा गया. सात अगस्त को राजस्व कर्मचारी को भेजा गया और आठ अगस्त को राजस्व कर्मचारी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर आवेदन को सीओ द्वारा निबटारा किया गया. समझा जा सकता है कि तीन दिन के भीतर करोड़ों की जमीन का खेल खेला गया. तत्कालीन सीओ अरुण कुमार सिंह के साथ-साथ अन्य दोनों कर्मचारियों की करतूत से दोहरी जमाबंदी तो हुई ही, गंभीर भूमि विवाद की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. ज्ञात हो कि अवैध जमाबंदी में आरोपित बने तत्कालीन सीओ का स्थानांतरण हो गया है. इधर, तत्कालीन सीओ सहित तीनों कर्मचारियों का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.

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