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Aurangabad News : भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रशासन व किसान आमने-सामने

Aurangabad News:एक्सप्रेस-वे निर्माण : दरियापुर गांव में निर्माण कार्य रोका, सीओ व निर्माण कंपनी के लोग लौटे

अंबा. भारत माला परियोजना के अंतर्गत वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण का मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है. जहां प्रशासन एक ओर कार्य को गति देने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर उचित मुआवजे के लिए किसान हर जगह पर कार्य रोक रहे है. एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य शुरू कराने व भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए पहुंचे अधिकारी को गांव से वापस लौटना पड़ रहा है. एक बार फिर अंबा थाना क्षेत्र के दरियापुर गांव से निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी व कर्मी तथा कुटुंबा सीओ को वापस लौटना पड़ा. महज दो दिन पहले सोनबरसा गांव में भी अधिकारियों को किसानों का आक्रोश झेलना पड़ा था. हालांकि, दो दिन पहले सोनबरसा गांव में किसानों का आक्रोश बढ़ता देख एसडीएम व एसडीपीओ ने भी गांव में जाकर लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया था, परंतु किसान उचित मुआवजा की मांग पर अड़े रहे. किसानों को जैसे ही जानकारी मिली कि दरियापुर गांव में प्रशासन पुलिस के बल पर कार्य शुरू करने पहुंची है, वैसे ही आसपास के कई गांव के किसान निर्माण स्थल पर पहुंचकर विरोध जताने लगे. दरियापुर बलिया, महसू, डिहरी, एरका, जौड़ा समेत आसपास के किसानों के अलावा भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान भी पहुंचे. वहीं भाजपा नेता प्रवीण कुमार सिंह भी किसनों के समर्थन में आगे आये. किसान कुटुंबा सीओ चंद्रप्रकाश को चारों ओर से घेर कर एक्सप्रेस-वेनिर्माण कार्य शुरू करने से पूर्व मगध आयुक्त द्वारा तय की गई राशि प्रत्येक किसानों को दिलाये जाने की मांग कर रहे थे. किसानों ने कहा कि 2012 के मूल्य से भूमि अधिग्रहण की जा रही है, जबकि 2025 तक चार गुना से अधिक भूमि के मूल्य में वृद्धि हुई है. किसानों ने कहा कि हम सभी को पूर्वजों से भूमि प्राप्त हुई है, भूमि से पैदा कर ही हमारे परिवार का भरण-पोषण होता है. ऐसे में हम सभी किसान अपनी जान दे देंगे, पर अपने परिवार का भरण-पोषण समाप्त नहीं होने देंगे. जब जमीन का नोटिफिकेशन 2022 में हुआ व मुआवजा 2025 में मिलेगा. तो फिर पूर्व के निर्धारित रेट से क्यों तय की गई. इसी अंचल के पोला डिहरी गांव में भूमि अधिग्रहण के लिए 30620 रुपये प्रति डिसमिल दर तय हुई थी और ब्याज सहित चार गुना राशि दी गयी. लेकिन, यहां मात्र 8000 रुपये प्रति डिसमिल दर कैसे तय की गयी. वरिष्ठ प्रसाद सिंह, अनिल सिंह, अरविंद सिंह, नारायण सिंह, भीम प्रताप, पैक्स अध्यक्ष अभिजीत कुमार सिंह आदि किसानों ने कहा कि यहां के अधिकारी जानबूझकर किसानों को परेशान करना चाह रहे हैं. यदि अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार नहीं हुई और हम सभी की मांगों को नहीं माना गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन की जायेगी.

फूट डालने के लिए इक्के-दुक्के किसानों को दी जा रही राशि

किसानों ने कहा कि प्रशासन हम सभी की एकजुटता में फूट डालने का प्रयास कर रही है. इसके लिए अधिकारी स्तर से इक्के-दुक्के किसान को गुपचुप तरीके से पैसा दिया जा रहा है. इसके बावजूद हम सभी किसान एकजुट हैं. किसानों ने सीओ से कहा कि मगध आयुक्त द्वारा निर्धारित राशि के चार गुना की राशि उन्हें दी जाये, तो वह सहर्ष अपनी जमीन को सौंप देंगे. बिना मुआवजा मिले किसी कीमत पर निर्माण कार्य न होने देंगे.

छह मई को औरंगाबाद में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले होगा आंदोलन

भारतीय किसान यूनियन के वशिष्ठ प्रसाद सिंह ने कहा कि आगामी छह मई को औरंगाबाद समाहरणालय के समक्ष यूनियन के बैनर तले आंदोलन होगा. उक्त आंदोलन में औरंगाबाद के साथ-साथ रोहतास व गया जिले के प्रभावित किसान भी शामिल होंगे. स्थानीय किसान नरेंद्र राय ने सीओ से कहा कि वे संवैधानिक रूप से अपना संघर्ष कर रहे हैं. किसानों का आक्रोश देख सीओ चंद्रप्रकाश ने इसका समाधान ढूंढने का आश्वासन देकर वहां से सड़क निर्माण कंपनी के साथ वापस लौट गये. ज्ञात हो कि सीओ सड़क निर्माण कंपनी एवं साथ में पुलिस बल के साथ दरियापुर गांव पहुंचे थे. सीओ ने बताया कि जिले के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है. वरीय अधिकारियों के आदेश पर ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.

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