औरंगाबाद ग्रामीण. नवरात्र हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है. नौ रातों और दस दिनों तक मां शक्ति की आराधना की जाती है. इस वर्ष नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से होगी. जैसे-जैसे तिथि नजदीक आ रही है, शहरी इलाकों में दुर्गा पंडालों के निर्माण की रफ्तार तेज होती जा रही है. औरंगाबाद शहर के विभिन्न इलाकों में लगभग एक दर्जन स्थानों पर मां दुर्गा के पंडाल बनाये जा रहे हैं. प्रत्येक पंडाल को दुर्गा पूजा समितियों द्वारा विशिष्ट रूप और थीम दी जा रही है. कहीं मंदिर का स्वरूप तो कहीं पहाड़ जैसा आकार पंडालों को दिया जा रहा है. हर समिति पूरी तत्परता के साथ तैयारियों में जुटी है. शहर के करमा रोड स्थित बिजली ऑफिस के समीप स्थित श्री मां दुर्गा पूजा समिति इस बार विशेष तैयारी कर रही है. समिति द्वारा अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर लगभग 100 फुट ऊंचा, 120 फीट लंबा और 70 फीट चौड़ा पंडाल बनाया जा रहा है. पंडाल की भव्यता को बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल के कारीगर दिन-रात काम में लगे हुए हैं. पंडाल के शीर्ष पर एक विशाल गुंबद भी बनाया जा रहा है. अनुमान है कि इस निर्माण पर लगभग 10 लाख रुपये की लागत आएगी. समिति के कोषाध्यक्ष पंकज सिंह, सचिव कृष्णा सिंह, उपाध्यक्ष पिंटू सिंह समेत अमन कुमार, सत्येंद्र सिंह, रोहित कुमार, देवा सिंह, दीपक सिंह, विक्की सिंह, आमोद सिंह, पीयूष कुमार, शिवहरी आदि सदस्य तैयारियों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं. पूजा के दौरान समिति द्वारा सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जायेंगे.
एक किलोमीटर तक होगी भव्य लाइटिंग
प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी समिति द्वारा भव्य लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है. रामनगर मोड़ से करमा मोड़ तक लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में आकर्षक फैंसी लाइटिंग लगाई जाएगी. नौ दिनों तक यह क्षेत्र रोशनी से जगमगाता रहेगा. श्री मां दुर्गा पूजा समिति हर वर्ष नए थीम पर पंडाल का निर्माण करती है. वर्ष 2024 में ‘प्रेम मंदिर’ की तर्ज पर पंडाल बनाया गया था. इससे पूर्व राम मंदिर, लाल किला जैसी देश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को भी पंडालों की थीम बनाया जा चुका है. हर बार नए डिजाइन की वजह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. नौ दिनों तक हजारों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
1987 से हो रही पूजा, बढ़ती चहल-पहल
श्री मां दुर्गा पूजा समिति की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी. तब से लगातार पूजा होती आ रही है. समिति की शुरुआत हरिदास सिंह (बड़ेम), गोपाल सिंह (करमा) और ललन सिंह (बिजली विभाग) जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की थी. पहले यह इलाका सुनसान हुआ करता था, लेकिन दुर्गा पूजा शुरू होने के बाद यहां चहल-पहल बढ़ी और क्षेत्र का विकास भी हुआ. पहले यहां नाटकों का आयोजन होता था, जिसका लोग आनंद लेते थे. समय के साथ समिति ने पूजा के स्तर को लगातार ऊंचा उठाया.
हर वर्ष कुछ बेहतर करने का प्रयास : पप्पू सिंह
समिति के अध्यक्ष पप्पू सिंह ने बताया कि इस बार पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं. अनुमान है कि इस बार पूजा पर करीब 15 लाख रुपये खर्च होंगे. नवरात्र के पहले दिन से नवमी तक प्रतिदिन महाप्रसाद वितरण किया जायेगा. साथ ही हर दिन मां दुर्गा की महाआरती का आयोजन होगा, जिसमें डीएम, एसपी समेत कई जनप्रतिनिधि और गण्यमान्य लोग शामिल होंगे. मूर्ति विसर्जन के दिन झारखंड की नगाड़ा टीम को भी बुलाया गया है. बिजली ऑफिस से करमा मोड़ तक हजारों की संख्या में महिलाएं विसर्जन यात्रा में शामिल होंगी. इस वर्ष पंडाल के भीतर मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसे डेहरी के कलाकारों द्वारा तैयार किया जा रहा है. प्रतिमा को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि वह श्रद्धालुओं को दर्शन मुद्रा में दिखाई देगी.
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