फोटो नंबर-103- बवाल करते परिजन. प्रतिनिधि, औरंगाबाद ग्रामीण पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान अधेड़ की मौत के बाद परिजनों ने समाहरणालय पहुंचकर हंगामा किया. वैसे परिजनों ने पुलिस पर अधेड़ की पीट-पीटकर हत्या करने का भी आरोप लगाया है. समाहरणालय में मृतक प्रमोद के पुत्र बबन कुमार ने बताया कि 27 फरवरी को उसे और उसके चाचा प्रवेश साव, चचेरा भाई मनोज कुमार गुप्ता एवं पुष्पा देवी को नवीनगर थानाध्यक्ष द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया. जब पूरे परिवार के साथ थाना गया, तो थानाध्यक्ष पूछताछ के नाम पर गिरफ्तार कर लिया और सभी के साथ बारी-बारी से जाकर पूछताछ के नाम पर मारपीट की. हत्या कबूलने का दबाव भी दिया जा रहा था. यह भी आरोप लगाया है कि बच्चे व अन्य लोगों को बिजली करेंट का झटका देकर हत्या कबूलने की बात कही जा रही थी. 28 फरवरी को पिता प्रमोद साव, भाभी ममता कुमारी एवं पूजा कुमारी को भी पुलिस घर से पूछताछ के नाम पर उठा कर ले गयी और उन लोगों के साथ भी मारपीट की. जब पूरे परिवार के सदस्य पुलिस द्वारा दबाव दिये जाने के बाद भी हत्या कबूल नहीं किया, तो एक मार्च को मनोज कुमार गुप्ता, ममता देवी व पुष्पा देवी को छोड़ दिया गया. दो मार्च यानी रविवार को पुलिस के मारपीट को ना झेल पाने के कारण प्रमोद साव की मौत हो गयी और साक्ष्य छिपाने के लिए अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया. इसके बाद इलाज के दौरान ही उनकी मौत की मौत. बड़ी बात यह है की मौत के बाद भी पुलिस द्वारा परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी गयी और सोमवार की शाम तक शव कहा है, इसके बारे में नही बताया गया. इधर, आरोप लगाया कि परिजन आवेदन लेकर समाहरणालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे, जहां उन लोगों का आवेदन भी नहीं लिया गया. इसके बाद परिजनों ने समाहरणालय में ही हंगामा किया और पुलिस प्रशासन का विरोध जताया. हालांकि, पुलिस के अधिकारियों ने मारपीट से इंकार किया है.
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