मणिकांत पांडेय, गोह/ हसपुरा
अचानक एक गांव तबाह होने के कगार पर पहुंच गया है. हंसती–खिलखिलाती जिंदगी के बीच एक अजीब-सा सन्नाटा छाया हुआ है. कब उनका अरमान ध्वस्त हो जाए, कहा नहीं जा सकता. वैसे अरमान ध्वस्त होने में सिर्फ चंद घंटे ही शेष बचे हैं. तमाम तरह के जुगाड़ लगाने के बाद भी होनी को टालने में लोग नाकाम रहे. किसी की बेटी की शादी है, तो किसी के बेटे की. सारी तैयारी हो गयी है. दो दिन बाद ही तिलक जाने वाली है, तो बारात आने वाली है. चिंता बस एक ही है कि जब घर ही नहीं रहेगा, तो शादी–विवाह कहां करेंगे. कैसे परिवार की गाड़ी खिचेंगी और रहेंगे कहां. तमाम तरह के सवालों के बीच आंसुओं की सैलाब. हम बात कर रहे है हसपुरा प्रखंड के पुरहारा गांव की. अचानक यह गांव तबाह व बर्बाद होने के कगार पर खड़ा हो गया है. प्रभात खबर की टीम ने उक्त गांव में जाकर पड़ताल की.सरकारी गैरमजरूआ जमीन पर बसा है गांव:
जानकारी मिली कि पुरहारा गांव का अधिकांश घर सरकारी गैरमजरूआ जमीन पर बसा हुआ है. वैसे पांच-दस साल पहले गांव बसने की बात नहीं है, बल्कि सौ साल पहले से लोग पीढ़ी दर पीढ़ी उसी जमीन पर और जगह पर रह रहे है. 130 घर वाले इस गांव में 61 लोगों को घर तोड़ने के लिए सरकारी नोटिस मिला है. हालांकि, नोटिस का तामिला हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत गया है. जनवरी माह में भी नोटिस भेजा गया था. उपस्थित होने का आदेश भी मिला था. सबकुछ सरकारी नियमों से हो रहा है, लेकिन ग्रामीणों की एक ही दलील है कि अब उनका क्या होगा. कहां जायेंगे वे, कोई भी उनका सहारा नहीं है.नौ को तिलक और 11 को बारात, कैसे होगी प्रतिमा की शादी
मकान तोड़ने का नोटिस पाने वालों में रामप्यारे पासवान भी शामिल है. इनकी पुत्री प्रतिमा कुमारी की शादी तय हो गयी है. इसी माह नौ तारीख को तिलक और 11 तारीख को बारात है. शादी की सारी तैयारी पूरी हो गयी है. सामान भी खरीदा गया है, लेकिन शादी की चिंता से अधिक घर टूटने की चिंता है. रामप्यारे ने बताया कि पूरा परिवार उलझन में है और सदमे में भी. घर ध्वस्त हो जायेगा, तो शादी कैसे कर पायेंगे.अब तो भगवान ही सहारा
संतोष चंद्रवंशी उन परिवारों में शामिल है, जो भूमिहीन है. एक घर ही है, जो पूरे परिवार का सहारा है. अब वह भी टूटने वाला है. संतोष चंद्रवंशी की पुत्री की शादी इसी माह 30 तारीख को होने वाली है. घर तोड़ने के नोटिस मिलने के बाद से पूरा परिवार सदमे में है. संतोष के साथ-साथ उसके भाई अजीत चंद्रवंशी और अक्षय चंद्रवंशी को भी नोटिस मिला है. संतोष की पत्नी रूबी देवी, गोतनी अनिता कुमारी और रीना देवी ने बताया कि अब तो उनके लिए भगवान ही सहारा है. वे कुछ कर भी नहीं सकते. संतोष के अलावा और भी कई परिवार है, जिनके घर में शादी है और उन्हें घर तोड़ने का नोटिस मिला है. मदीना खातून के पुत्र रिजवान की भी शादी इसी माह 14 अप्रैल को है. शाहबान अंसारी के पुत्र इबरार अंसारी की शादी कल ही यानी नौ अप्रैल को है.चर्चा में रामकुमार
पुरहारा गांव में दर्जनों घरों को तोड़ने का आदेश हाईकोर्ट द्वारा दिया गया है. ग्रामीणों के बीच रामकुमार नाम चर्चा में है. नोटिस प्राप्त करने वाले लोग घर टूटने के पीछे रामकुमार को ही कारण बता रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि रामकुमार द्वारा अतिक्रमणवाद चलाया गया. नाली निर्माण कराने के लिए हस्ताक्षर कराया और उसी हस्ताक्षर पर अतिक्रमणवाद चलाया. इधर, रामकुमार से पक्ष जानने का प्रयास किया गया,ले किन संपर्क नहीं हो सका.आज चल सकता है बुलडोजर
पुरहारा गांव में सरकारी नोटिस महीनों पहले निर्गत किया जा चुका है. प्रशासनिक प्रक्रिया उस वक्त से ही प्रारंभ है. अतिक्रमणकारियों को कई नोटिस दिये गये, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला. संभावना जतायी जा रही है कि मंगलवार को अतिक्रमण पर सरकारी बुलडोजर चल सकता है. वैसे पुरहारा गांव में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है. सोमवार को भी सरकारी अमीन द्वारा मापी की गयी. पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गयी है. जानकारी मिली कि पिछले एक सप्ताह से सरकारी बाबुओं का आवागमन भी जारी है. ऐसे में पूरी संभावना है कि चंद घंटे बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होगी.अब का होतई बबुआ
गांव के अधिकांश घरों को ध्वस्त होने की चिंता हर किसी को सता रही है. 90 वर्ष की सुकनी देवी खाट पर चिंतित मुद्रा में बैठी थी. उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या होने वाला है. जब उससे बात की गयी, तो बताया कि पूरी उम्र इसी गांव में और इसी घर में गुजर गयी. अब का होतई बबुआ ई समझ में ना आवईत हे. सब कुछ बर्बाद हो जतई.क्या कहते हैं सीओ
अंचल अधिकारी कौशल्या कुमारी ने बताया कि 61 घरों को अतिक्रमण के लिए चिह्नित किया गया है. सरकारी जमीन पर घर बने हुए हैं. हटाने के लिए पूर्व में कई बार नोटिस किया गया. अब प्रशासन आगे की कार्रवाई पूरी करेगी. मंगलवार को पुरहारा गांव में अतिक्रमण अभियान चलाया जायेगा.क्या कहते हैं सरपंच
पुरहारा पंचायत के सरपंच सुरेंद्र कुमार सुमन ने कहा कि पुरहारा गांव के जिन लोगों को अतिक्रमण हटाने का नोटिस मिला है, वे सभी गरीब परिवार से है. दशकों से उसी जगह पर रह रहे हैं. अचानक नोटिस मिला है, जिससे उक्त परिवारों के बीच अफरा-तफरी का माहौल है. थोड़ा समय मिल जाता, तो सबकुछ ठीक हो जाता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है