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सात वर्षों से नहीं मिल रहा अग्निपीड़ितों को आवास

कुव्यवस्था. सरकार की योजना पर लालफीताशाही भारी दाउदनगर अनुमंडल : जब कभी भी कहीं भी किसी के घर में अगलगी की घटना घटती है, तो घर में रखा सब कुछ जल कर राख हो जाता है. तत्काल राहत के तौर पर पीड़ित परिवार को 9800 रुपये तो दिये जाते हैं, लेकिन उसके बाद उस पीड़ित […]

कुव्यवस्था. सरकार की योजना पर लालफीताशाही भारी

दाउदनगर अनुमंडल : जब कभी भी कहीं भी किसी के घर में अगलगी की घटना घटती है, तो घर में रखा सब कुछ जल कर राख हो जाता है. तत्काल राहत के तौर पर पीड़ित परिवार को 9800 रुपये तो दिये जाते हैं, लेकिन उसके बाद उस पीड़ित परिवार का सुधि लेनेवाला भी कोई नहीं रहता. घटना के तत्काल बाद जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच कर हरसंभव सहायता प्रदान करने की बात तो करते हैं. मगर वह सिर्फ कोरा आश्वासन ही बन कर रह जाता है.
पीड़ित परिवार किसी प्रकार मेहनत मजदूरी कर फिर से मिट्टी व फुस का घर बना कर गुजर-बसर करने का प्रयास करता है. अगलगी पीड़ित परिवारों को सरकारी स्तर पर इंदिरा आवास दिये जाने का प्रावधान है. सूत्रों के अनुसार अगलगी को आपदा मानते हुए इंदिरा आवास दिया जा सकता है, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि यह सिर्फ घोषणा तक ही सीमित होकर रह गया है.
पिछले सात वर्षों से किसी भी अग्निपीड़ित को इंदिरा आवास का लाभ नहीं मिल पाया है. संचिका प्रखंड कार्यालय से जिला स्तर तक भेजी गयी और वहां से वापस लौट गयी. सूत्रों ने बताया कि पूर्व में सूची तैयार कर अग्निपीड़ितों की सूची जिला स्तर पर प्रखंड कार्यालय से भेजी गयी थी, लेकिन वह सूची लौट कर वापस आ गयी और पुन: नये सिरे से बीडीओ व सीओ के संयुक्त प्रतिवेदन के साथ सूची की मांग की गयी. यह संयुक्त प्रतिवेदन आज तक जिला स्तर पर नहीं जा सका है. यहां पर एक प्रश्न यह भी उठता है कि क्या सात सालों में भी वार्षिक रूप से संयुक्त प्रतिवेदन के साथ संचिका भेज कर पीड़ितों को वर्ष वार इंदिरा आवास उपलब्ध नहीं कराया जा सकता था?
क्या मिलती है राशि : जानकारी के अनुसार इंदिरा आवास लाभुकों को आवास निर्माण के लिए 1 लाख 30 हजार रूपये की राशि दिये जाने का प्रावधान है. अगर यह राशि उन्हें मिल जाती है, तो पीड़ित परिवार रहने के लिए आवास का निर्माण करा सकते हैं.
क्या कहते हैं सीओ
नाजिर को रिकार्ड से मिलान करने के लिए कहा गया है. मिलान होते ही हस्ताक्षर कर प्रतिवेदन प्रखंड कार्यालय को भेज दिया जायेगा.
विनोद सिंह, सीओ, दाउदनगर
क्या कहते हैं बीडीओ
सूची के सत्यापन व अन्य प्रतिवेदन के लिए संचिका अंचल कार्यालय को भेजी गयी है, जो अब तक अप्राप्त है. सीओ व बीडीओ के संयुक्त प्रतिवेदन से ही संचिका जिलास्तर पर फिर से भेजी जानी है.
अशोक प्रसाद, बीडीओ दाउदनगर

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