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चुनाव में हत्या की मिली थी धमकी
दुस्साहस. वार्ड में समर्थित प्रत्याशी खड़ा करने पर हुआ था विवाद गोपाल यादव को घटना का मास्टरमाइंड बता रहे लोग, पूरे परिवार के साथ है फरार ताड़ी बेचनेवालों से हो सकती है पूछताछ औरंगाबाद : रामजी यादव की हत्या में पंचायत चुनाव का कनेक्शन जुड़ा होने की बात सामने आ रही है. वर्ष 2011 के […]
दुस्साहस. वार्ड में समर्थित प्रत्याशी खड़ा करने पर हुआ था विवाद
गोपाल यादव को घटना का मास्टरमाइंड बता रहे लोग, पूरे परिवार के साथ है फरार
ताड़ी बेचनेवालों से हो सकती है पूछताछ
औरंगाबाद : रामजी यादव की हत्या में पंचायत चुनाव का कनेक्शन जुड़ा होने की बात सामने आ रही है. वर्ष 2011 के पंचायत चुनाव में रामजी यादव गांव के वार्ड से ही वार्ड सदस्य का चुनाव जीते थे. पांच सालों तक जनता की सेवा करने के दौरान उन्हें कई बार धमकी दी गयी. 2016 के पंचायत चुनाव में बहुआरा वार्ड सुरक्षित हो गया, लेकिन समर्थित प्रत्याशी खड़ा करने पर गांव के ही गोपाल यादव से विवाद हो गया. इसके बावजूद दोनों लोगों ने अपने -अपने समर्थित प्रत्याशियों को जिताने में पूरी दम लगा दिया.इस चुनाव में गोपाल ने चुनाव से हटने और नहीं तो जान से हाथ धोने की धमकी दी थी.
दो दिन पूर्व भी गांव के ही राजेश कुमार ने भी रामजी को धमकी दिया था. इस मामले का खुलासा पुलिस के समझ खुद परिजनों ने किया. वैसे भूमि विवाद का मामला भी सामने आया है. पता चला कि रामजी यादव के पिता ने गोपाल यादव को 12 बीघा जमीन देने के बदले पांच बीघा जमीन का बदलाव किया था और जमीन देने की बात चल रही थी. इसी बीच दोनों के बीच विवाद हो गया, जो वर्षों तक चला. रामजी यादव की हत्या में कहीं न कहीं भूमि विवाद भी सामने आ रहा है. इस बिंदु पर भी पुलिस छानबीन कर रही है. वैसे अपराधियों की लिस्ट में गोपाल यादव का नाम मास्टर माइंड के रूप में लिया जा रहा है, जो पूरे परिवार के साथ फरार है. गोपाल यादव का एक रिश्तेदार जो चमरडीहा गांव का रहनेवाला है, उसका भी नाम घटना में आ रहा है.
कहीं हसुली से तो नहीं की गयी हत्या : पुलिस जांच के क्रम में एक बात सामने आयी कि सिर काटने में अपराधियों ने हसुली जैसे तेज हथियार का इस्तेमाल किया. गांव में और गांव के अगल-बगल ताड़ व खजूर के पेड़ से रस निकालनेवाले दो ताड़ी कारोबारियों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है. ग्रामीणों व परिजनों की मानें, तो गांव के बधार में दो ताड़ी कारोबारी रहते हैं और उन्हीं से हसुली लेकर रामजी का गला अपराधियों ने रेत दिया.
बहुआरा में घटना की सूचना पर पहुंचे हजारों लोग : बहुआरा गांव के किसान व पूर्व वार्ड सदस्य रामजी यादव खैरा मिर्जा पंचायत के चर्चित व्यक्तियों में गिने जाते थे. रामजी की हत्या की खबर सुन कर खैरा मिर्जा, भोला बिगहा, बसडीहा, रजोई, बिजोई सहित कई गांवों के हजारों लोग वहां पहुंचे और एक स्वर से घटना पर दुख जताते हुए अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की. सदर प्रखंड के उप प्रमुख बादशाह यादव, जिला पार्षद अनिल यादव, शंकर यादवेंदू, छात्र राजद अध्यक्ष सुरेंद्र यादव, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अनिल यादव पहुंचे और घटना की निंदा की. पता चला कि उपप्रमुख बादशाह यादव, रामजी यादव के रिश्तेदार हैं.
घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर तक मिले खून के धब्बे
जिस जगह पर किसान रामजी यादव की हत्या की गयी थी, उस जगह से लेकर गांव से निकलनेवाले पोखर पिंड व पास के एक अन्य रास्ते में लगभग एक किलोमीटर तक खून के धब्बे रास्ते में पाये गये. पुलिस का मानना है कि घटना को अंजाम देने के बाद कुछ अपराधियों ने इन दोनों रास्तों का उपयोग किया होगा. भागने के क्रम में खून के धब्बे लगे होंगे. वैसे गांव के कुछ ग्रामीणों का कहना था कि गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीपल के पेड़ के समीप रामजी की हत्या कर शव गांव के समीप फेंका गया. पुलिस ग्रामीणों के कथनानुसार भी जांच कर रही है.
पुलिस के डर से घर के एक कोने में छिप गया था राजेश, तलाशी में पकड़ाया
रामजी की हत्या के बाद पुलिस को चार नाम मिले हैं, जिनके इस घटना में किसी न किसी रूप में शामिल होने की बात कही जा रही है. राजेश कुमार, देवराज, अरविंद और गोपाल. वैसे कुछ अन्य लोग भी इसमें शामिल हैं, जिसकी छानबीन की जा रही है. जैसे ही पुलिस को राजेश का नाम सामने आया, वैसे ही उसके घर में पुलिस जा पहुंची. लेकिन, पुलिस को देखते ही वह घर के एक कोने में छिप गया. घर की महिलाओं से जब राजेश का पता पूछा गया, तो महिलाओं ने घर में होने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली. इस दौरान घर के एक कोने में छिपे हुए राजेश को धर दबोचा और फिर हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. वैसे जानकारी मिली है कि घटनास्थल से जो चप्पल पुलिस ने बरामद किये हैं, वह राजेश का ही था. पूछताछ के दौरान वह अपने आप को बेगुनाह व निर्दोष बता रहा था.
विधवा आनंदी को लगी बस एक ही रट-अब प्रियंकवा के केकरतई सदिया
हर मां-बाप का एक सपना होता है कि वह अपने संतान को पढ़ा-लिखा कर उसका घर बसा दे. यही तमन्ना रामजी की भी थी. घर में एकमात्र पुरुष सदस्य होने के कारण पूरे परिवार की जिम्मेवारी उसी पर थी. तीन बेटियों के बाप रामजी ने अपनी बड़ी बेटी प्रियंका कुमारी की शादी दरियापुर गांव में विजय यादव के पुत्र से तय कर दी थी. बसंतपंचमी का इंतजार था. दिन तय करने की तैयारी तो चल ही रही थी, घर में सामान की खरीदारी भी शुरू हो गयी थी. जैसे ही घरवालों को घटना की सूचना मिली, वैसे ही घर से लेकर पूरे गांव में कोहराम मच गया. रामजी की पत्नी आनंदी देवी और बड़ी बेटी प्रियंका बेहोश हो गयी. कई बार मां-बेटी घर से दौड़ती घटनास्थल पहुंचती, तो कई बार लोगों से गुहार लगातीं. पत्नी की जुबान पर बस एक ही रट थी कि अब प्रियंकवा के केकरतई शदिया. इधर, पता चला कि रामजी की सिर्फ तीन बेटी प्रियंका 18, प्रियांशु आठ और छोटी बेटी अंशु पांच वर्ष की है. परिवार का भरण-पोषण खेती के सहारे ही करता था. वैसे गांव में रामजी की पहचान एक बड़े किसान के रूप में थी.
खत्म हो गया कानून का राज : सांसद
किसान रामजी की हत्या की खबर सुन कर सांसद सुशील कुमार सिंह बहुआरा गांव पहुंचे और परिजनों को ढाढ़स बंधाया. सांसद ने कहा कि बिहार में कानून का राज खत्म हो गया है. जिस तरह से युवा किसान की नृशंस हत्या की गयी, उससे सरकार के सुशासन की पोल खुल गयी है. वैसे पूरे बिहार में अपराधियों का साम्राज्य कायम हो गया है. जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और अपराधी बेखौफ घटना का अंजाम दे रहे हैं. सांसद ने रामजी यादव के हत्यारों को स्पीडी ट्रायल कर सजा दिलाने की मांग सरकार व पुलिस प्रशासन से की है.
पुलिस करेगी अपना काम पकड़े जायेंगे अपराधी : विधायक
घटना की सूचना पाकर सदर अस्पताल में पहुंचे औरंगाबाद विधायक आनंद शंकर ने मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधाया और कहा कि जो भी अपराधी होंगे, वे बख्शे नहीं जायेंगे. पुलिस अपना काम कर रही है. कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है. घटना दुखद है.
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