औरंगाबाद : जिले में रविवार का दिन दो ऑटो सवार छात्राओं के लिए काल बन गया. एक घटना शहर से सटे औरंगाबाद-पटना रोड में हुई, तो दूसरी अंबा-नवीनगर रोड में. औरंगाबाद-पटना रोड में शनिवार की देर रात ट्रैक्टर व ऑटो की टक्कर में ऑटोचालक जितेंद्र यादव की मौत के बाद उसके गांव कोसडिहरा से लेकर ससुराल गंगटी तक मातमी सन्नाटा पसर गया. सदर अस्पताल में घटना की सूचना पाकर पहुंचे परिजनों के होश उड़ गये. अचानक टूटी आफत से हर कोई हैरान था.
पिता सूर्यदेव यादव, मां पतिया देवी, पत्नी कविता देवी के साथ-साथ उसके ससुर प्रवेश यादव व अन्य परिजन रो-रोकर बेहाल थे. मां-बाप के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे. पत्नी कविता का तो और भी बुरा हाल है. कभी अपने पति के शव को देखती, तो कभी अपने दो वर्षीय पुत्र लवकुश को. बिलखते हुए बेहोश हो जाती और जब होश में आती, तो बस एक ही रट लगा रही थी कि अब इस परिवार को देखनेवाला कोई नहीं रहा.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा रोशन
रोहतास के पहलेजा नया टोला निवासी रमण प्रसाद सिंह और इनकी पत्नी झारोमती देवी का बस एक ही सपना था कि उनकी दो बेटियां और एक बेटा यानी, तीनों संतानें पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ा हो, एक काबिल इंसान बन जाये. दुर्भाग्य कि बेटी की तो जान चली गयी, बेटा भी जिंदगी-मौत के बीच झूल रहा है. रोशन, पूजा को परीक्षा दिलाने भाई साथ में गया था. पता चला कि रोशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. मां झारोमती देवी सदर प्रखंड के नौगढ़ गांव स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं. सदर अस्पताल में झारोमती की बिलखती आवाज ने हर किसी को गमगीन कर दिया. अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर शहर के लोगों ने ढांढस बंधाया. सदर प्रखंड के उप प्रमुख बादशाह यादव, राजद प्रवक्ता डाॅ रमेश यादव, उदय उज्जवल सहित कई नेता व समाजसेवी सदर अस्पताल पहुंचे और घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवार को सांत्वना दी.