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CISF के इस जवान ने 32 राउंड फायरिंग कर क्यों ली चार सिपाहियों की जान, पढ़ें पूरी कहानी

औरंगाबाद:यहदिन भी आम दिनोंकीतरह था. बिजली परियोजनाके बिहार केऔरंगाबादजिले की एनपीजीसी साइट पर सीआइएसएफ के जवान अपनीड्यूटीकर रहे थे. उन्हें क्या पता था कि उन्हींकेएक साथी के दिमागमें क्या चल रहा है.थोड़ीदेर बाद समय कितनीबड़ी मौत की त्रासदी लेकर आने वाला है. जी हां, औरंगाबाद के नरारीकलां थाने से महज कुछ ही दूरी पर निर्माणाधीन […]

औरंगाबाद:यहदिन भी आम दिनोंकीतरह था. बिजली परियोजनाके बिहार केऔरंगाबादजिले की एनपीजीसी साइट पर सीआइएसएफ के जवान अपनीड्यूटीकर रहे थे. उन्हें क्या पता था कि उन्हींकेएक साथी के दिमागमें क्या चल रहा है.थोड़ीदेर बाद समय कितनीबड़ी मौत की त्रासदी लेकर आने वाला है. जी हां, औरंगाबाद के नरारीकलां थाने से महज कुछ ही दूरी पर निर्माणाधीन एनपीजीसी की बिजली परियोजना का साइट अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से अचानक गूंज उठी. इस दौरान परियोजना में काम कर रहे कर्मचारियों व अधिकारियों को पहली ही बार में किसी बड़ी अनहोनी की आशंका से दहशत में डाल दिया. जब सीआइएसएफ बैरक से इधर-उधर भागते जवान नजर आये, तो एनपीजीसी का लगभग हर कर्मचारी बुरी तरह डर गया.

सभी ने भागकर बचायी अपनी जान

गोलियों की आवाज सुनने के बाद कई जवानों ने भाग कर अपनी जान बचायी. सीआइएसएफ के जवान बलबीर सिंह के माथे पर सनक सवार हुई और उसने अपने ही चार साथियों को गोलियों से भून डाला. हालांकि , किस विवाद में इतनी बड़ी घटना का अंजाम बलबीर द्वारा दिया गया, यह तो विस्तृत जांच का विषय है और विभाग के साथ पुलिस भी इस प्वाइंट पर जांच कर रही है. लेकिन इस घटना ने बलवीर की मानसिक स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट जरूर कर दिया. अधिकारियों को यह समझते देर नहीं लगी कि बलवीर की समस्या कुछ अलग है.

क्यों की आखिर हत्या ?

हत्या करने वाले जवान ने कुछ ही दिन पहले अपनी कई दिक्कतों को अपने सहयोगियों से शेयर किया था. प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह घरेलू विवाद को लेकर तनाव में था. अपने साथियों के साथ तनाव की वजह भी शेयर की थी, लेकिन उसी के कुछ साथियों ने उसकी परेशानी को मजाक बनाया, जो आक्रोश में बदल गया, तो उसे न तो भाईचारे का ख्याल रहा और न अपने कर्तव्य का. इंसास राइफल लिये बलबीर अचानक हमलावर हो गया और अपने ही साथियों पर दनादन गोलियां बरसा दीं. एक सब इंस्पेक्टर व तीन जवानों को गोली मारने के बाद भी उसकी सनक दूर नहीं हुई, इंसास को हवा में लहराते हुए अन्य साथियों की तरफ भी लपका. लेकिन, कैंप में ही रहे कुछ जवानों ने रिस्क उठाकर उसे काबू में किया और फिर एक कमरे में उसे बंद कर दिया.

खाने और सोने को लेकर हुआ था विवाद

एनपीजीसी कैंप की सुरक्षा में 135 जवानों को लगाया गया है. पता चला कि इन जवानों के बीच कभी-कभी सोने और खाने को लेकर विवाद होते रहते थे. बुधवार की रात मेस में खाना खाने के दौरान बलवीर से कुछ जवानों की बहस भी हुई थी. यहां तक कि कुछ जवानों ने बलवीर की कारगुजारियों को वरीय अधिकारियों के पास रिपोर्ट करने तक की बात कही थी. सूत्रों की मानें, तो सोने को लेकर भी बहस का माहौल बना था. यानी रात से ही सीआइएसएफ कैंप में माहौल गरमाया हुआ था. हालांकि , यह एक दिन की बात नहीं थी. जवानों के बीच आपसी वैमनस्यता कुछ दिन से चल रही थी.

छुट्टी नहीं मिलने की बात की हो रही चर्चा

सूत्रों की माने तो बलवीर के साथ छुट्टी नहीं मिलने को लेकर भी समस्या बनी हुई थी. वह लगातार अपनी छुट्टी का प्रयोग नहीं कर पा रहा था. एनपीजीसी परियोजना के सुरक्षा में लगे जवान बलवीर के आत्मघाती कदम की चर्चा पूरे दिन रही. इस बीच एक और कारण सामने आ रहा है कि उसे विभाग से घर जाने के लि ए छुट्टी नहीं मिल रही थी. हालांकि , इस बात की कि सी प्रशासनिक पदाधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है.एसपी सत्यप्रकाश ने बताया है कि घटना कैसे हुई, यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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