दाउदनगर (अनुमंडल) : राष्ट्रीय इंटर विद्यालय में प्लस टू की पढ़ाई 10 शिक्षकों के भरोसे चल रही है. 1953 में स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मंत्री रामनरेश सिंह और पूर्व विधायक रामपदारथ सिंह ने राष्ट्रीय उच्च विद्यालय की स्थापना की थी. वर्ष 2006-07 से इस विद्यालय में प्लस टू की पढ़ाई शुरू की गयी. इसके लिए अभी तक मात्र 10 शिक्षक ही नियुक्त किये गये हैं.
कला संकाय में भूगोल व विज्ञान संकाय में भौतिकी व रसायन शास्त्र के शिक्षक का पद रिक्त है. प्लस टू के लिए आठ कमरे बने हुए है. प्रयोगशाला व कंप्यूटर कक्ष उच्च विद्यालय के लिए कार्यालय में चल रहे हैं. इसके लिए तीन और कमरों की आवश्यकता जतायी जा रही है. आश्चर्य है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (उच्च माध्यमिक) द्वारा कला व विज्ञान संकाय का निर्धारित कोटा शैक्षणिक सत्र 2013-15 में घटा कर 120 व 120 कर दिया गया है. जबकि, वर्ष 2006-07 में इस कोटा के साथ शुरू हुआ था. सत्र 2011-13 में बढ़ा कर कला का 160 कर दिया गया था. मैट्रिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद इस विद्यालय में भी इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए भीड़ उमड़ेगी. इस विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा में 374 छात्र शामिल हुए हैं.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्ण कुमार सिंह का कहना है कि सही तरीके से पढ़ाई के लिए कम से कम चार और विषयवार शिक्षकों की आवश्यकता है. तीन और कमरे बन जाने पर प्रयोगशाला व कंप्यूटर कक्ष अलग हो सकता है. छात्रों की उमड़ती भीड़ को देखते हुए यह व्यवस्था लागू की गयी है कि 80 प्रतिशत नामांकन मैरिट लिस्ट पर इसी विद्यालय से मैट्रिक उत्तीर्ण करने वाले छात्रों का होगा. 20 प्रतिशत नामांकन ही दूसरे विद्यालयों से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों का होगा. प्लस टू में कोटा बढ़ाने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है.