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छात्रहित का हनन हुआ, तो..
पटना में अभाविप के छात्रों पर लाठीचार्ज व गोलीबारी के विरोध में एनएच-दो को सात घंटे तक रखा जाम छात्रों के तेवर देख स्वेच्छा से व्यवसायियों ने दुकानें बंद कीं, वाहन भी नहीं चले औरंगाबाद (नगर) : 26 मार्च को पटना में विधानसभा घेराव के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों पर पटना पुलिस […]
पटना में अभाविप के छात्रों पर लाठीचार्ज व गोलीबारी के विरोध में एनएच-दो को सात घंटे तक रखा जाम
छात्रों के तेवर देख स्वेच्छा से व्यवसायियों ने दुकानें बंद कीं, वाहन भी नहीं चले
औरंगाबाद (नगर) : 26 मार्च को पटना में विधानसभा घेराव के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों पर पटना पुलिस द्वारा की गयी है लाठीचार्ज व गोलीबारी के विरोध में सोमवार को अभाविप के छात्रों ने बिहार बंद किया. इसका असर जिले में व्यापक रूप से रहा. सुबह पांच बजते ही अभाविप के छात्र नेता दीपक कुमार के नेतृत्व में दर्जनों छात्र राष्ट्रीय राजमार्ग-दो को ओवरब्रिज के समीप जाम कर दिया.
इसके बाद सरकार विरोधी जम कर नारेबाजी की. एनएच जाम होने के बाद छात्रों का दल टुकड़ी में बंट गया. कुछ छात्र बाजार की दुकानें बंद कराने लगे तो कुछ छात्र रमेश चौक के समीप सड़कों के बीच वाहनों को खड़ा कर सड़क को जाम कर दिया. छात्रों के तेवर कड़ा होता देख सभी व्यवसायी स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दी.
वाहन मालिक भी अपने वाहन को दोपहर तक के लिए बंद कर दिया. बंद का असर ऐसा था कि जो छात्र-छात्रएं ग्रामीण इलाके से जिला मुख्यालय के कॉलेजों में प्रायोगिक परीक्षा देने के लिए आ रहे थे, वे गाड़ी नहीं मिलने के कारण नहीं आ सके. सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे छात्र हाथ में झंडा लिये हुए बिहार सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. छात्र हित का हनन हुआ तो खून बहेगा सड़कों पर, नीतीश कुमार तुम एक काम करो.. जैसे नारे लगाये गये. सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे छात्र नेता दीपक कुमार ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था काफी बदहाल हो गयी है. रोजगार के लिए युवा दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं.
इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर प्रदेश के आह्वान पर अभाविप के छात्र पूर्व से निर्धारित तिथि के अनुसार विधानसभा का घेराव शांतिपूर्वक व लोकतांत्रिक तरीके से करने के लिए जा रहे थे. लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर पटना के सीनियर एसपी जितेंद्र राणा ने आर ब्लॉक चौराहा से लेकर विधानसभा तक छात्रों को बेरहमी से पिटाई की.
यही नहीं छात्रों के ऊपर एके-47 जैसे आधुनिक हथियार से गोलीबारी की गयी. जैसे लग रहा था कि उग्रवादियों व आतंकवादियों पर गोलीबारी कर रहे हैं. हद तो तब हो गयी, जब दर्जनों निदरेष छात्रों को गिरफ्तार कर झूठे मुकदमों में उन्हें जेल भेज दिया गया. इसमें औरंगाबाद के भी दो छात्र राहुल कुमार व मानस शामिल हैं. सिन्हा कॉलेज अध्यक्ष शशि कुमार ने कहा कि जब तक जेल में बंद निदरेष छात्रों को रिहा नहीं किया जाता है और झूठा मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. अभाविप के छात्र नेता आकाश कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के इशारे पर एसएसपी जितेंद्र राणा ने फायरिंग व लाठीचार्ज की है.
इन्हें तत्काल सरकार बरखास्त करे, नहीं तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. यह बंदी झांकी है, आगे अभी बाकी है. भाजपा नेता अनिल कुमार सिंह, धर्मेद्र शर्मा, उज्जवल कुमार सिंह, सुनील शर्मा, भाजपा नेत्री उर्मिला भारती ने अभाविप के बंद का समर्थन करते हुए सड़क पर उतरे. इनलोगों ने कहा कि नीतीश सरकार मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं. जो भी लोग आंदोलन कर रहे हैं, उनके आंदोलन को लाठी-गोली के बल पर दबाना चाहते हैं.
आक्रोशितों ने तोड़े वाहनों के शीशे भी : प्रदर्शन के दौरान रास्ते से गुजर रहे दो वाहन के शीशे को भी आक्रोशित लोगों ने तोड़ दिया. वहीं चालकों के साथ मारपीट की.
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